भारतीय कुटुंबव्यवस्था विश्व में सर्वश्रेष्ठ ! – मेग जोन्स, प्रमुख, युनाईटेड नेशन्स वुमेन्स एम्पॉवरमेंट
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नागपुर (महाराष्ट्र) – ‘युनाईटेड नेशन्स वुमेन्स एम्पॉवरमेंट’ की प्रमुख तथा भारतीय संस्कृति से प्रभावित एवं भारतीय महिलाओं का अध्ययन करनेवाली मेगा जोन्स ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘एकत्र कुटुंबपद्धति पर आधारित भारतीय कुटुंबव्यवस्था विश्व में सर्वश्रेष्ठ है । विश्व में बढ रही ‘लिव इन रिलेशनशिप’ की प्रथा विघातक है तथा एकत्र कुटुंबपद्धति के नष्ट होने में अनेक समस्याओं का मूल है । विश्व के सामने विविध संकटों के होते हुए कुटुंबव्यवस्था की अनदेखी होने के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं’ । ‘सी-२० समिट’ के लिए वे नागपुर आई हैं । माध्यमों से संवाद करते समय वे बोल रही थी । वे मूलत: ऑस्ट्रेलियन वंश की हैं ।
Fourth Plenary Session of #Civil20India2023 Inception Conference focuses on ‘Civil Society Organisations as Drivers of Innovation and Technology’
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— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) March 21, 2023
सरकार एकत्र कुटुंबपद्धति के लिए आगे आएं !
जोन्स ने आगे कहा कि,
१. एकत्र कुटुंबपद्धति के संस्कारों का पूरे विश्व में प्रसार होना चाहिए । साथही आगामी काल की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकारी व्यवस्थाओं को आगे आना चाहिए । पति-पत्नी एवं बच्चे यहीं तक सीमित कुटुंब में अनेक समस्याएं उत्पन्न होती है । बच्चे अथवा ज्येष्ठ नागरिक होने पर महिलाओं को घर पर रहना पडता है । इससे उनके अधिकार एवं प्रगति के अवसर हाथ से निकल जाते हैं । इसका प्रभाव महिला सक्षमीकरण पर होता है । अत: सरकारी व्यवस्थाओं को ऐसे कुटुंबों के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ पर आधारित रोजगार निर्मित करनेपर अधिक ध्यान देना चाहिए ।
२. विश्व के अनेक देशों में महिला सक्षमीकरण केवल कागज तक ही सीमित है; परंतु भारत सरकार ने महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं आरंभ कर प्रत्यक्ष कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया है । इससे ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों को भी सीखने की आवश्यकता है ।
३. महिला सक्षमीकरण की योजनाओं के प्रति विश्व के अनेक देशों को रुचि दिखाई नहीं देती । वहां योजनाओं पर कार्यवाही नहीं होती । पूरे विश्व में महिलाओं की योजनाओं का दायित्व निश्चित होकर ये योजनाएं महिलाओं तक पहुंचना आवश्यक है ।
संपादकीय भूमिकाजो विदेशी लोग समझते हैं, वह यहां के पुरो(अधो)गामी तथा आधुनिकतावादियों के समझ में आ जाए, तबतक समय बीत चुका होगा ! |