खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को बनाया बंदी !
१० साथी भी शस्त्रों के साथ बंदी बनाए गए !
अमृतसर – खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ (पंजाब के उत्तराधिकारी ) नामक संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने जालंधर के नकोदरा परिसर से बंदी बनाया है । उसके पास से भारी मात्रा में शस्त्र हस्तगत किए गए हैं । ऎसा बताया जाता है कि अजनाला थाने का घेराव करने के आरोप में यह कार्रवाई की गयी । उसको बंदी बनाने के उपरांत राज्य में अंतरजाल सेवा २४ घंटे के लिए बंद कर दी गई है, साथ ही राज्य में बड़ी मात्रा में पुलिस बंदोबस्त किया गया है । कहा जा रहा है कि अमृतपाल को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है । पोलिस ने कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगडने से रोकने के लिए ऐसा कियाहै , ऎसा कहा जा रहा है । यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने अमृतपाल के ४ सहयोगियों को भी बंदी बनाया है।
Reality of #AmritpalSingh explained by real Sikh pic.twitter.com/BsjjpPCmYY
— Pradeep🇮🇳 (@pradeeepp) March 18, 2023
१. अमृतपाल सिंह के विरुद्ध ३ प्रकरण प्रविष्ट हैं । इनमें से २ अपराध अजनाला थाने में प्रविष्ट हैं । पुलिस को सूचना मिली कि अमृतपाल सिंह १८ मार्च को एक कार्यक्रम में शाहकोट मलसीया आ रहा है । पुलिस ने सडक पर अमृतपाल की गाडियों के समूह को घेर लिया । उसी समय अमृतपाल वहां से भाग निकला , जबकि उसके साथियों को पुलिस ने बंदी बना लिया । पुलिस ने डेढ घंटे तक १०० कारों के साथ अमृतपाल का पीछा किया और नकोदरा परिसर में उसे पकड कर बंदी बना लिया ।
२. पुलिस ने अमृतपाल के निकटस्थ सहयोगी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को मोगा स्थित उसके खेत से बंदी बना लिया ।
That day he was sitting in a Thana, holding Guru Granth Sahib and challenging police to arrest him. Now when his wishes are chasing him, he is scared, running, looking for places to hide, appealing people to gather and save him. Why not fight brave man?pic.twitter.com/zMSs9T6La6
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) March 18, 2023
(और इनकी सुनिए…) ‘सिखों को दास बना लिया है !’ – अमृतपाल सिंह
बंदी बनाए जाने के उपरांत समाचार माध्यमों से वार्ता करते हुए अमृतपाल सिंह ने कहा कि पुलिस ने मुझे पकडने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी । मैं जब कीर्तन के लिए जालंधर जा रहा था उस समय मुझे पकड कर बंदी बना लिया गया । सिखों को दास बना लिया गया है ।
संपादकीय भूमिका
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