श्रीराम की उपासना संबंधी समाज को धर्मशिक्षा देना

अधिकांश हिन्दुओं में अपने देवता, आचार, संस्कार, त्योहार आदि के विषय में आदर एवं श्रद्धा होती है; परंतु अनेकों को उनकी उपासना का धर्मशास्त्रीय आधार ज्ञात नहीं होता । इसे समझकर उचित पद्धति से धर्माचरण करने पर फलप्राप्ति अधिक होती है । अतः श्रीराम की उपासनांतर्गत विविध कृत्यों की उचित विधि एवं उनके धर्मशास्त्रीय आधार की शिक्षा समाज को प्रदान करने हेतु यथाशक्ति प्रयत्न करना, श्रीराम भक्तों के लिए कालानुसार आवश्यक एवं श्रेष्ठ स्तर की समष्टि साधना है ।

सनातन संस्था ने श्रीराम की उपासनांतर्गत कृत्यों की उचित विधि तथा उसके धर्मशास्त्रीय आधार के विषय में मार्गदर्शक ग्रंथ, लघुग्रंथ तथा धर्मशिक्षा फलक बनाए हैं । सनातन के ग्रंथ, लघुग्रंथ, श्रव्यचक्रिका एवं दृश्यश्रव्य-चक्रिकाओं के माध्यम से आपके लिए परिचित श्रीराम भक्त तथा शिव देवस्थान समिति के सदस्य आदि का श्रीराम की उपासना के विषय में मार्गदर्शन करना संभव होगा । केबल के माध्यम से दृश्यश्रव्य-चक्रिकाओं के प्रसारण द्वारा समाज को व्यापक स्तर पर धर्मशिक्षा प्रदान कर सकते हैं । धर्माभिमानी व्यक्ति संस्था, प्रतिष्ठान, देवस्थान आदि को अपने परिसर में एवं अन्य दर्शनीय स्थलों पर ‘धर्मशिक्षा फलक’ प्रदर्शित करने हेतु स्वयं प्रायोजक बनें । उसी प्रकार देवालय, सभागृह, विविध प्रदर्शनियां, पाठशाला-विद्यालय आदि स्थानों पर इन फलकों को लगाने हेतु स्थान दिलवाकर / वहां फलक लगाने के विषय में संबंधित व्यक्ति का प्रबोधन कर समष्टि साधना के सुअवसर का लाभ लें । अधिक विवरण हेतु पृष्ठ २ पर दिए अपने निकटवर्ती केंद्र से संपर्क करें ।