कश्मीर में ३४ वर्षों उपरांत २०० चित्रपटों का चित्रीकरण !

कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाली धारा ३७० रद्द किए जाने का परिणाम !

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – वर्ष २०१९ में कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाली धारा ३७० रद्द होने के उपरांत पिछले २ वर्षों में बॉलीवुड के २०० चित्रपट और वेब सीरीज के चित्रीकरण के लिए अनुमति दी गई । यह पिछले ३४ वर्षों की रिकॉर्ड संख्या है ।

सौजन्य जेके अपडेट 

१. वर्ष २०२१ में ‘जम्मू-कश्मीर चित्रपट विकास परिषद’ की स्थापना किए जाने के उपरांत चित्रपटों के चित्रीकरण में होने वाली अडचनें दूर हुई हैं ।

२. कश्मीर में ९० के दशक के प्रारंभ से ही जिहादी आतंकवाद के बढने से चित्रपटों का छायाचित्रीकरण लगभग बंद ही था । अब वहां की स्थिति में अत्यधिक सुधार होने से बॉलीवुड सहित दक्षिण भारत के निर्माता भी वहां चित्रीकरण कर रहे हैं । इसी कारण १ सहस्र से अधिक स्थानीय कलाकारों को आसानी से काम मिला है ।

३. निर्माता अब कश्मीर के गुलमर्ग, पहलगाम, दल सरोवर इन पारंपरिक स्थलों सहित बांदीपोरा के गुरेज और वुलर, दूधपथरी, योशमर्ग आदि स्थानों पर चित्रीकरण कर रहे हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • भारत शासन द्वारा कश्मीरी जनता पर होने वाले अत्याचार पर चिंता जताने वाले ‘बीबीसी’, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ जैसे पश्चिमी प्रसार माध्यमों से अब इस घटना पर उत्तर पूछना आवश्यक है !
  • इसके साथ ही कश्मीर घाटी में कश्मीरी हिन्दुओं का सुरक्षित पुनर्वसन करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, तो ही हिन्दू सुरक्षित रहेंगे, यह भी उतना ही सत्य है !