अमृतसर में हजारों सशस्त्र खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस थाने को घेरा !

  • ‘वारीस पंजाब दे’ खालिस्तानी संगठन के प्रमुख अमृतपालसिंह के साथी को छोडने की मांग !

  • खालिस्तानी समर्थकों के पास बंदूकें, तलवार तथा लाठियां !

  • पुलिस की लाचारी !

अमृतपाल सिंह के साथी की रिहाई के लिए थाने का घेराव

अमृतसर (पंजाब) – अजनाला में ‘वारीस पंजाब दे’ खालिस्तानी समर्थक संगठन के प्रमुख अमृतपालसिंह के साथी तुफान सिंह को बंदी बनाने के विरोध में अमृतपाल के हजारों समर्थकों ने यहां के पुलिस थाने का घेराव किया । उनके हाथों में बंदूकें, तलवारें तथा लाठियां थीं । इस समय पुलिस ने रास्तों पर बॅरिकेड्स (अवरोधक) लगाए थे । वह ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ की घोषणा दे रहे थे । अमृतपालसिंह ने पुलिस थाने पहुंचकर तुफान सिंह का अपराध रहित करने की मांग की । उसने घोषणा की ‘जब तक अपराध रहित नहीं किया जाएगा, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे ।’ समर्थकों ने यहां गुरुग्रंथसाहिब की पालकी लाकर धरना दिया और भजन गाने आरंभ किए ।

अमृतपाल के विरोध में सामाजिक माध्यमों द्वारा टिप्पणी करनेवाले युवक का अपहरण कर उसे पीटा गया था । इस प्रकरण में अमृतपाल के साथ ३० लोगों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया था । इस प्रकरण में पुलिस ने तुफान सिंह को बंदी बनाया । जिसके उपरांत अमृतपाल ने पुलिस थाने के बाहर आंदोलन करने की घोषणा की थी ।

 

निष्क्रिय पुलिस !

अमृतपाल ने २ दिन पूर्व ही पुलिस थाने का घेराव करने की घोषणा की थीे; परंतु पंजाब पुलिस द्वारा इसे गंभीरता से न लेने के कारण अमृतपाल के समर्थक हजारों की संख्या में यहां पहुंच गए । यहां तनाव की स्थिति निर्माण होने के कारण पुलिस ने बडी संख्या में व्यवस्था की हैै । अमृतपाल ने इस समय अजनाला के पुलिस अधीक्षक सतींदर सिंह से चर्चा की । अमृतपाल ने तुफान सिंह को छोडने के लिए पुलिस को १ घंटे का समय दिया था ।

संपादकीय भूमिका

इससे यही दिखाई देता है कि, ‘पंजाब में खालिस्तानी समर्थकों की सक्रीयता कैसे बढ रही है ?’ तो भी राज्य तथा केंद्र सरकार इसके प्रति गंभीर हैै ऐसा नहीं लगता, ऐसा चित्र है । अब यहां प्रश्न निर्माण होता है कि, ‘पिछला इतिहास देखते हुए कोई बडी घटना होने के उपरांत ही सरकार जागेगी क्या ?’