प्रभु श्रीराम का अपमान करनेवाले, उत्तर प्रदेश राज्य के समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को बंदी बनाया जाए ! – अधिवक्ता अवधेश राय, प्रयागराज उच्च न्यायालय

माघ मेले में हुए आंदोलन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठ

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने, ‘रामचरितमानस बकवास किताब है’ ऐसा कहकर हिन्दू धर्मियों की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई है । बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने नालंदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा, ‘रामचरितमानस नफरत फैलानेवाली किताब है । इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।’ के.एस. भागवत ने रामजी और सीताजी के बारे में बहुत ही निम्न स्तर पर जाकर निंदा कर हिन्दुओं की भावनाओं का अनादर किया है । लगातार हिन्दुओं के देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक बातें की जा रही हैं । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति ने उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज जिले में चल रहे माघ मेले में आंदोलन किया । इस आंदोलन में प्रयागराज उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अवधेश राय ने हिन्दुओं के आराध्य प्रभु श्रीराम का अपमान करनेवाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को बंदी बनाए जाने की मांग की । समिति के लखनऊ समन्वयक, श्री. प्रशांत वैती ने मांग की, ‘लगातार हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान आगे से हिन्दू समाज नहीं सहेगा, इसे रोकने हेतु सरकार को ईशनिंदा कानून बनाना चाहिए ।’ इस समय डॉ. अभिषेक केसरवानी ने ‘राष्ट्र और धर्म पर हो रहे आघातों को रोकने हेतु हिन्दू समाज को संगठित होकर जनजागृति करनी चाहिए’, ऐसा प्रतिपादन किया । इस आंदोलन को सफल बनाने में जांबाज हिन्दुस्तानी संगठन के प्रमुख अधिवक्ता आलोक आजाद ने अग्रिम भूमिका निभाई ।

क्षणिकाएं

१. आंदोलन में माघ मेले में आए श्रद्धालु गण आंदोलन का विषय सुनकर आंदोलन में स्वयं से उद्घोषणा देने लगे । माघ में आए कुछ साधुओं ने भी इस आंदोलन में सहभाग लेकर स्वामी प्रसाद मौर्या को बंदी बनाने की मांग की ।

२. माघ मेले में अलग-अलग पंडालों में जाकर प्रसार कर आंदोलन किया गया ।

३. माघ मेले में अलग-अलग पंडालों में भजन-कीर्तन बडी आवाज में होते हैं । इस आंदोलन में माइक व्यवस्था नहीं थी, फिर भी उद्ोषणा एवं विषय उत्स्फूर्तता से लेने के कारण माघ मेले में आनेवाले हिन्दू इस आंदोलन की ओर आकर्षित हुए ।

४. श्रद्धालुओं ने भी आंदोलन के विषय को देख स्वयं इस आंदोलन में उपस्थित रहकर स्वयंप्रेरणा से हस्ताक्षर अभियान में सहभाग लिया ।