भारत शासन द्वारा संचालित ‘FSSAI’ संस्था के होते हुए भी खाद्यपदार्थों के लिए धर्म पर आधारित ‘हलाल प्रमाणपत्र’ क्यों ? – स्वामी लोचन महाराज मिश्रा
हिन्दूराष्ट्र-जागृति आंदोलन
धनबाद (झारखंड ) – ‘‘जब भारत सरकार द्वारा अधिकृत ‘FSSAI’ और ‘FDA’ जैसी संस्थाओं द्वारा प्रमाणीकरण किया जा रहा है, तो ‘हलाल प्रमाणीकरण’ की आवश्यकता है क्या ?’’ ऐसा प्रतिपादन स्वामी लोचन महाराज मिश्राजी ने किया । वे यहां पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित आंदोलन में बोल रहे थे ।
पिछले कुछ समय से भारत में हेतुतः हलाल उत्पादों की मांग की जा रही है और हिन्दू व्यापारियों को व्यवसाय करने हेतु ‘हलाल प्रमाणपत्र’ लेना पड रहा है । पहले ‘हलाल’ की संकल्पना केवल मांसाहार पदार्थों तक एवं इस्लामी देशों में निर्यात करने तक ही सीमित थी; परंतु अभी भारत में चीनी, तेल, आटा, ‘चॉकलेट’, मिठाई, सौन्दर्य प्रसाधन, औषधि आदि विविध उत्पाद भी ‘हलाल प्रमाणीकरण’ होने लगे हैं ।
आज मैकडोनल्ड्स, के.एफ.सी., बर्गर किंग, पिज्जा हट जैसे नामांकित कंपनियों के ‘आउटलेट’ में हलाल के अतिरिक्त खाद्यपदार्थ उपलब्ध न होने के कारण हिन्दू, जैन, सिख जैसे गैर-मुसलमान समाज को सहज ही ‘हलाल’ खाद्यपदार्थ सख्ती से बेचा जा रहा है । भारत को धर्मनिरपेक्ष बताना और धर्म के आधार पर उत्पादों को इस्लामी प्रमाणीकरण का फंदा डालना, यह कैसे हो सकता है ? ऐसा प्रश्न हलाल सख्ती विरोधी कृति समिति के श्री. शंभू गवारे ने प्रस्तुत किया है ।
आंदोलन में तरुण हिन्दू के डॉ. नील माधव दास, आर्य महासंघ से श्री. राजेश बरनवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. रमेश, विश्व हिन्दू परिषद के श्री. सुनील कुमार तथा अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ सहभागी हुए थे ।
श्री संदीप सिंह, उपायुक्त धनबाद को ज्ञापन देकर की गई तत्काल निम्न कार्यवाही की मांग
१. भारत में धार्मिक भेदभाव करनेवाला ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने पर प्रतिबंध लगाया जाए ।
२. निजी संस्थानों को बिना किसी कानूनी आधार के ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने से रोका जाए ।
३. जिन शासकीय संस्थाओं में केवल ‘हलाल प्रमाणित’ पदार्थों की आपूर्ति की जाती है, उन्हें इस व्यवस्था को तुरन्त बंद करनेके आदेश दिए जाएं ।
४. ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देनेवाली निजी संस्थाओं द्वारा ‘हलाल’ धन का उपयोग किसलिए किया जाता है, इसकी सीबीआई जांच की जाएं ।