पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के दंड को अधिक कठोर किए जाने पर पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग द्वारा चिंता व्यक्त ।
|
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने देश के आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, २०२३ के अंतर्गत ईशनिंदा से संबंधित प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की है । यह सुधारित कानून १७ जनवरी को पाकिस्तान की संसद में पारित किया गया था।
अल्पसंख्यक विरोधी साबित होगा पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून में संशोधन, हिंदुओं का उत्पीड़न बढ़ने की आशंका#Pakistan #BlasphemyLaw https://t.co/COoxhBTlRJ
— Dainik Jagran (@JagranNews) January 21, 2023
१. इस सुधारित कानून में किसी धार्मिक व्यक्ति अथवा श्रद्धास्थानों के विरुद्ध अपमानकारक वक्त्यव्य करनेवाले को ३ वर्ष के कारावास का दंड बढाकर आजीवन कारावास कर दिया है l साथ ही न्यूनतम दंड १० वर्ष कारावास होगा । इस अपराध की जमानत नहीं होगी ।
२. मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि इस कानून का अल्पसंख्यकों के विरुद्ध शस्त्र के रूप में उपयोग किए जाने की संभावना है । इससे असत्य आरोप एवं प्रतिशोध (बदला) लेने का प्रयास हो सकता है ।
Pakistan Blasphemy: पाकिस्तान का हथियार है ईशनिंदा कानून, ले रहा अल्पसंख्यकों की जान, मानवाधिकार आयोग चिंतित – pakistan blasphemy law being used as a weapon against religious minorities warn by pakistan human rights https://t.co/epzjOOQLiF
— गाज़ियाबाद365 (@Ghaziabad365) January 21, 2023
संपादकीय भूमिकाभारत में हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों का लगातार अपमान होने पर भी किसी को दंड नहीं मिलता, किंतु पाकिस्तान में दंड को और कडा किया जा रहा है जो कि यह हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है ! |