प्रयागराज के माघ मेले में इस्लामी पुस्तकों द्वारा हिन्दुओं के धर्म परिवर्तन का प्रयास !

  • मदरसा में शिक्षक के साथ ३ लोगों को नियंत्रण में लिया गया !

  • अबुधाबी से की जा रही थी धनपूर्ति 

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – यहां के माघ मेले में धर्म परिवर्तन का प्रयास करने हेतु इस्लामी पुस्तकों का वितरण करनेवाले ३ लोगों को नियंत्रण में लिया गया । इसमें मदरसा शिक्षक महमूद हसन गाजी भी है । अन्य दोनों पूर्व में हिन्दू थे तथा पश्चात उनके धर्म परिवर्तन करने की जानकारी भी सामने आई है । तीनों से २०४ धार्मिक पुस्तकें तथा अन्य सामग्री नियंत्रण में ली गई है ।

१. पुलिस के अनुसार महमूद हसन गाजी ने जांच में बताया कि उसे संयुक्त अरब अमिरात के अबुधाबी सेन द्वारा धनपूर्ति की जा रही थी । वह ‘बदमें पैगामे बहदानियत’ संस्था का अध्यक्ष है ।

२. पुलिस को ध्यान में आया कि तीनों ने यहां पुस्तक विक्री केंद्र स्थापित किया था । उन्होंने हिन्दू धर्म की पुस्तकों के नीचे इस्लाम की पुस्तकें रखी थीं । पुलिस ने यहां उपस्थित दोनों के नाम पूछने पर उन्होंने आशीष कुमार गुप्ता तथा नरेश कुमार सरोज बताए । उन्हें जांच हेतु पुलिस थाने में ले जाने पर उनके आधारकार्ड पर उनके नाम मोहम्मद मोनिश तथा समीर थे । दोनों ही इस्लामिया हिमदादिया मदरसे के शिक्षक गाजी के कहने पर पुस्तक विक्रय कर रहे थे । ऐसी जानकारी मिलने पर पुलिस ने उनके घर जाकर उन्हें नियंत्रण में लिया ।

३. जांच में पाया गया कि गाजी हिन्दू धर्म को तुच्छ मानते हुए इस्लाम की प्रशंसा करनेवाली पुस्तकों तथा पत्रकों का वितरण करता था । इन पुस्तकों में हिन्दू धर्मग्रंथों के श्लोकों का अनुचित एवं त्रुटिपूर्ण अर्थ प्रकाशित किया गया था । इसके द्वारा वे हिन्दुओं का बुद्धिभ्रम कर उनका धर्म परिवर्तन करने का प्रयास कर रहे थे ।

४. पुलिस ने कहा कि मोहम्मद मोनिश तथा समीर इस्लामी संगठन से संबंधित हैं । मोनिश ‘स्टुडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन’ संगठन के उत्तर प्रदेश शाखा का प्रांत सचिव है, जबकि समीर इस संगठन का सक्रिय कार्यकर्ता है । दोनों ने बताया कि वे अनेक वर्षोंं से संगठन का कार्य कर रहे हैं । इसलिए उन्हें प्रतिमाह प्रत्येक को ५ सहस्र रुपए मिलते हैं ।

संपादकीय भूमिका 

  • हिन्दू कभी अन्य धर्मियों का धर्म परिवर्तन करने का प्रयास नहीं करते, यह इतिहास है; परंतु अन्य धर्मी हिन्दुओं को तलवार तथा लोभ दिखा कर धर्म परिवर्तन करते आए हैं, यह इतिहास तथा वर्तमान है । इस विषय में यह समझ लें कि निरपेक्षतावादी तथा पुरो(अधो)गामी कभी मुंह नहीं खोलते !
  • अन्य धर्मियों के धार्मिक स्थल तथा धार्मिक उत्सवों में क्या हिन्दू कभी स्वयं के धर्म का प्रसार करने हेतु जाने की संभावना है ?
  • भारत के धर्मांध मुसलमानों को हिन्दुओं के विरुद्ध कार्य करने हेतु अरब देश से धनपूर्ति होती है, यह अब छिपा नहीं है । सरकार को अब इस बात को गंभीरता से देख कर उसे कैसे बंद करें, इसका प्रयास करना चाहिए, हिन्दुओं को ऐसा ही प्रतीत होता है !