‘चैट जीपीटी’ टेक्नोलॉजी सिस्टम हिंदू देवी-देवताओं और शास्त्रों का अपमान कर रहा है
नई देहली – ‘चैट जीपीटी’ (जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रान्सफॉर्मर) इस टेक्नोलॉजी सिस्टम की ओर से हिन्दुओं के धर्मग्रंथों को अपमान किए जाने की बात सामने आई है । यह टेक्नोलॉजी सिस्टम ‘आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्स’ का कार्य करता है । यह एक रोबोट समान प्रणाली है । हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर दे सकती है । किसी को छुट्टी के लिए आवेदन देना हो, तो तुरंत लिखा जा सकता है । इसी प्रकार के प्रत्येक कार्य करने की क्षमता इस प्रणाली में है ।
DNA Special: Why Artificial Intelligence tech Chat GPT has been labeled as anti-HinduThere are a lot of accusations about Hindu groups, where people label them as anti-secular and fanatic, and the name Hindutva is at times used as an insult. # # # # #https://t.co/C5rNGLoNwb
— International Affairs (@Int_AffairsNews) January 18, 2023
१. अब इसी प्रणाली में श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, भगवान बुद्ध आदि देवता, साथ ही रामायण जैसे धर्मग्रंथों के विषय में अपमान करने वाले चुटकुले सुनाए जा रहे हैं; लेकिन दूसरी ओर बायबल, कुरान, ईसा मसीह आदि के विषय में चुटकुले पूछने पर यह आपत्तिजनक प्रश्न होने का उत्तर यह प्रणाली देती है । इसका अर्थ हिन्दुओं के धर्मग्रंथों के विषय में चुटकुले इस प्रणाली में हैं; लेकिन अन्य धर्मों के विषय में नहीं है । इससे ध्यान में आता है कि हिन्दू धर्म का जानबूझ कर अपमान किया जा रहा है ।
२. रामायण के विषय में चुटकुला पूछने पर ‘चैट जीपीटी’ प्रणाली चुटकुला सुनाती है; लेकिन उस समय ‘यह ध्यान में रखना चाहिए कि, रामायण ,यह हिन्दुओं का धार्मिक ग्रंथ है, उसका सम्मान रखना चाहिए’, ऐसा बताती है । अन्य धर्मों के विषय में चुटकुले पूछने पर चुटकुला न सुनाकर प्रश्न अयोग्य होने का बताती है; अर्थात इस प्रणाली को रामायण का महत्व ज्ञात होते हुुए भी यह इस संबंध में चुटकुले सुनाती है । यह प्रणाली उसकी कोडिंग के अनुसार उत्तर देती रहती है । इस कारण उसकी कोडिंग करते समय हिन्दू धर्म के विषय पर प्रश्न पूछे जाने पर आपत्तिजनक उत्तर देने के लिए बताया गया है ।
#DNA : AI ने उड़ाया हिंदू देवी देवताओं का मज़ाक#artificalintelligence @irohitr pic.twitter.com/D7cfVS16S4
— Zee News (@ZeeNews) January 17, 2023
संपादकीय भूमिकाकेंद्र सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देकर यह अपमान रोकने का प्रयास करना चाहिए ! |