गीता में बताए ज्ञान को जीवन में उतारना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी
जोधपुर – ‘‘कुछ लोग श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय पढते हैं; परंतु जीवन की प्रतिकूल परिस्थिति में वे गीता के ज्ञान के आधार पर लड नहीं सकते । इसलिए गीता में बताए ज्ञान को प्रत्यक्ष जीवन में उतारना आवश्यक है । हमारे घर पर वाहन है; परंतु उसे चलाना न आता हो, तो उस वाहन का क्या उपयोग ? उसी प्रकार हमारे पास गीता के रूप में विश्व की सबसे बडे धरोहर है; परंतु हम उसका लाभ नहीं उठा सकते । इसलिए हिन्दुओं को गीता के ज्ञान के आचरण पर बल देना चाहिए ।’’ सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने यह मार्गदर्शन किया । महर्षि गौतम स्कूल में अध्यापकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए विद्यालय के निदेशक श्री. रविशंकर ने प्रयास किए ।
उदयपुर – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां के महाराणा प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक श्री.अनुराग सक्सेना से भेंट की । इस अवसर पर श्री. अनुराग सक्सेना ने प्रताप गौरव केंद्र के कार्य की जानकारी दी । इस अवसर पर सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने श्री. सक्सेना को समिति के कार्य से अवगत कराया । इसके उपरांत श्री. सक्सेना ने सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया ।
उदयपुर – यहां के श्रीकुलम् आश्रम में सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने साध्वी श्री भुवनेश्वरी पुरी से भेंट कर उन्हें समिति द्वारा प्रकाशित ‘हलाल जिहाद’ ग्रंथ भेंट किया । इस अवसर पर साध्वीजी ने कहा, ‘‘समिति द्वारा पुरस्कृत ग्रंथ मुझे बहुत अच्छे लगते हैं ।’’ तथा उन्होंने श्रीकुलम् आश्रम में चलाए जा रहे ‘हिन्दू संस्कारम् प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम’ की जानकारी दी ।
भीलवाडा – आज के समय विवाह शुभ मुहूर्त पर होने के लिए आग्रह नहीं रखते । उसके कारण नवदंपति के जीवन में समस्या आने पर हम धर्म को दोष देते हैं । हमारे धर्म में चरणस्पर्श बताया गया है; परंतु आज के समय घुटने को स्पर्श कर नमस्कार किया जाता है । वास्तव में चरणों से प्रक्षेपित होनेवाली सात्त्विकता हमें केवल चरणों का स्पर्श कर ही मिलती है । ऐसा कर हम हमारी एक वैज्ञानिक प्रक्रिया तथा संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं । इसे रोकने के लिए हिन्दू अपने धर्म, संस्कार एवं त्योहारों का शास्त्र समझ लें और उसे प्रत्यक्ष जीवन में उतारकर उनका लाभ उठाएं ।’’ सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने यह मार्गदर्शन किया । इस समय श्रीमती कल्पना काबरा एवं श्री. संदीप काबरा ने सूत्रसंचालन तथा आभार प्रदर्शन किया । ‘भारत विकास परिषद’ के जगदीशचंद्र काबरा, रजनीकांत आचार्य, ओमप्रकाश लड्ढा एवं ‘महेश शिक्षा सदन’ के पूर्व प्रधानाध्यापक श्री. राधेश्याम गग्गड उपस्थित थे ।
क्षणिका : भारत विकास परिषद ने इस कार्यक्रम के लिए सभागार निःशुल्क उपलब्ध कराया ।
अजमेर में धर्मप्रेमियों की बैठक में मार्गदर्शन
अजमेर (राजस्थान) – ‘‘आज के समय में लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण जैसे अनेक षड्यंत्रों के माध्यम से हिन्दुओं के साथ अन्याय किया जा रहा है । हिन्दू अपने ही देश में असुरक्षित बन गए हैं । हिन्दू समाज यदि धर्मशिक्षा लेकर धर्माचरण करेगा, तभी जाकर वह स्वरक्षासहित हिन्दू धर्म एवं संस्कृति की रक्षा कर पाएगा ।’’ हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां के धर्मप्रेमी श्री. भंवरसिंह राठौड के प्रयासों के कारण शास्त्री कॉलोनी में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस कार्यक्रम में आशा राठौड, राजेंद्रसिंह शेखावत, गोविंद कंवर, हुकूम सिंह विनोद कंवर, भीम सिंह राठौड, राजेंद्र सोनी, दयाशंकर शर्मा आदि मान्यवर उपस्थित थे । उपस्थित धर्मप्रेमियों ने साधना, धर्म आदि विषयों से संबंधित शंकाओं का समाधान करा लिया ।
अजमेर के हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ संवाद !
अजमेर (राजस्थान) – आरंभ में यहां के ‘नाथजी का बगीचा’ में दर्शन कर सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया । इस अवसर पर अधिवक्ता विजय शर्मा, ‘हिन्दू युवा वाहिनी’ के पंडित किसन शर्मा एवं श्री. राजेश शर्मा सहित अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे ।