हत्या, रक्त तथा शारीरिक आक्रमण दर्शाना बंद करें !

केंद्र सरकार ने दूरचित्रवाहिनियों के लिए मार्गदर्शिका प्रसारित की !

नई देहली – केंद्रीय जानकारी तथा प्रसार मंत्रालय ने देश के सभी दूरदर्शन वाहिनियों को मार्गदर्शिका जारी की है । इसमें कहा गया है कि इन वाहिनियों के कार्यक्रमों में हत्या, शारीरिक आक्रमण तथा मृतदेह आदि कष्टदायी बातें दर्शाना बंद करना चाहिए ।

सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी मार्गदर्शिका में कहा गया है कि

१. सामाजिक माध्यमों से प्रसारित होनेवाले हिंसक वीडियो को बिना किसी संकलन के प्रसारित किया जा रहा है । महिलाओं तथा बच्चों पर इनका बुरा परिणाम हो रहा है ।

२. व्यक्तियों की मृतदेह तथा सर्वत्र रक्त के धब्बे, हिंसा, दुर्घटना, घायलों का चित्रण तथा छायाचित्र दिखाना कष्टदायी है । बच्चों के मन पर ऐसा हिंसात्मक तथा अस्थिर करनेवाले समाचारों के बुरे परिणाम हो रहे हैं ।

३. मंत्रालय ने इस मार्गदर्शिका में कुछ घटनाओं के प्रसारण का भी उल्लेख किया है, जिनमें मृतदेह, रक्त तथा हिंसा होते दिखाया गया था । इनमें कुछ समाचार आगे दिएनुसार हैं ।

अ. ३० दिसंबर २०२२ : दुर्घटना में घायल क्रिकेटर का दर्दनाक वीडियो बिना संकलित किए तथा केवल धुंधला कर दिखाया गया ।

आ. २८ अगस्त २०२२ : एक व्यक्ति की मृतदेह खिंच कर लेजाते हुए दर्शाया गया । इसमें सर्वत्र रक्त के धब्बे दिखाई दे रहे थे ।

इ. ६ जुलाई २०२२ : पाटलीपुत्र में एक ट्यूशन वर्ग में एक शिक्षक द्वारा ५ वर्ष के विद्यार्थी की अमानुषिक पिटाई करते तथा इस घटना का मूक (बिना ध्वनि) वीडियो दिखाया गया । इस समय यह लडका दया की भीख मांगते तथा चिल्लाते हुए दिखाई दे रहा था, इस वीडियो को ९ मिनट तक दिखाया गया ।

ई. १६ मई २०२२ : कर्नाटक के बागलकोट जिले में पडोसी द्वारा एक महिला अधिवक्ता की पिटाई करते दिखाया गया ।

उ. ४ मई २०२२ : तमिलनाडू के राजापलायम में एक व्यक्ति ने स्वयं की बहन की हत्या की तथा हत्या करने का वीडियो दिखाया गया ।

ऊ. १ मे २०२२ : छत्तीसगड के बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति को पेड से उलटे लटका कर ५ लोगों को उसकी पिटाई करते दिखाया गया ।

संपादकीय भूमिका 

सरकार को यह क्याें बताना पडता है ? दूरचित्रवाहिनियों को क्याें नहीं समझ में आता ? समाज को विकृत तथा बुरी बातें दर्शा कर समाज की नैतिकता एवं मानसिकता बिगाडनेवाली ऐसी वाहिनियों को दंड देना आवश्यक !