हत्या, रक्त तथा शारीरिक आक्रमण दर्शाना बंद करें !
केंद्र सरकार ने दूरचित्रवाहिनियों के लिए मार्गदर्शिका प्रसारित की !
नई देहली – केंद्रीय जानकारी तथा प्रसार मंत्रालय ने देश के सभी दूरदर्शन वाहिनियों को मार्गदर्शिका जारी की है । इसमें कहा गया है कि इन वाहिनियों के कार्यक्रमों में हत्या, शारीरिक आक्रमण तथा मृतदेह आदि कष्टदायी बातें दर्शाना बंद करना चाहिए ।
Centre issues advisory to #TV channels over 'distasteful' content, directs them to strictly follow #Broadcast laws.https://t.co/P3X3ZyJ0yA
— TIMES NOW (@TimesNow) January 9, 2023
सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी मार्गदर्शिका में कहा गया है कि
१. सामाजिक माध्यमों से प्रसारित होनेवाले हिंसक वीडियो को बिना किसी संकलन के प्रसारित किया जा रहा है । महिलाओं तथा बच्चों पर इनका बुरा परिणाम हो रहा है ।
२. व्यक्तियों की मृतदेह तथा सर्वत्र रक्त के धब्बे, हिंसा, दुर्घटना, घायलों का चित्रण तथा छायाचित्र दिखाना कष्टदायी है । बच्चों के मन पर ऐसा हिंसात्मक तथा अस्थिर करनेवाले समाचारों के बुरे परिणाम हो रहे हैं ।
३. मंत्रालय ने इस मार्गदर्शिका में कुछ घटनाओं के प्रसारण का भी उल्लेख किया है, जिनमें मृतदेह, रक्त तथा हिंसा होते दिखाया गया था । इनमें कुछ समाचार आगे दिएनुसार हैं ।
अ. ३० दिसंबर २०२२ : दुर्घटना में घायल क्रिकेटर का दर्दनाक वीडियो बिना संकलित किए तथा केवल धुंधला कर दिखाया गया ।
आ. २८ अगस्त २०२२ : एक व्यक्ति की मृतदेह खिंच कर लेजाते हुए दर्शाया गया । इसमें सर्वत्र रक्त के धब्बे दिखाई दे रहे थे ।
इ. ६ जुलाई २०२२ : पाटलीपुत्र में एक ट्यूशन वर्ग में एक शिक्षक द्वारा ५ वर्ष के विद्यार्थी की अमानुषिक पिटाई करते तथा इस घटना का मूक (बिना ध्वनि) वीडियो दिखाया गया । इस समय यह लडका दया की भीख मांगते तथा चिल्लाते हुए दिखाई दे रहा था, इस वीडियो को ९ मिनट तक दिखाया गया ।
ई. १६ मई २०२२ : कर्नाटक के बागलकोट जिले में पडोसी द्वारा एक महिला अधिवक्ता की पिटाई करते दिखाया गया ।
उ. ४ मई २०२२ : तमिलनाडू के राजापलायम में एक व्यक्ति ने स्वयं की बहन की हत्या की तथा हत्या करने का वीडियो दिखाया गया ।
ऊ. १ मे २०२२ : छत्तीसगड के बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति को पेड से उलटे लटका कर ५ लोगों को उसकी पिटाई करते दिखाया गया ।
संपादकीय भूमिकासरकार को यह क्याें बताना पडता है ? दूरचित्रवाहिनियों को क्याें नहीं समझ में आता ? समाज को विकृत तथा बुरी बातें दर्शा कर समाज की नैतिकता एवं मानसिकता बिगाडनेवाली ऐसी वाहिनियों को दंड देना आवश्यक ! |