अमेरिका के साथ विश्व के १०४ लोकतांत्रिक देशों के नागरिकों को चाहिए शक्तिशाली नेता !
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स्टाकहोम (स्वीडेन) – यहां के ‘इंटरनैशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ डेमोक्रसी ऐंड इलेक्टोरल असिस्टेंसअ’ के (‘इंटरनैशनल आइडीईए’ के) वार्षिक विवरण में कहा गया है कि विश्व के अमेरिका सहित १०४ देशों की राजनीतिक स्थिति के अध्ययन के उपरांत तैयार किए गए विवरण के अनुसार, लोकतांत्रिक देशों के लोगों के मूल्यों एवं विचार पद्धति में परिवर्तन हुआ है । वहां के लोगों को अब एक सशक्त नेता चाहिए ।
Half of the World’s Democracies Are in Retreat. Here’s What to Expect in 2023https://t.co/TSiYJj8EXv
— TIMEWorld (@TIMEWorld) December 21, 2022
इस विवरण में आगे कहा है कि,
१. वर्ष २००९ में केवल ३८ प्रतिशत लोगों को अधिक शक्तिशाली नेता चाहिए था । अब विश्व के ७७ लोकतांत्रिक देशों में, आधे से अधिक अर्थात ५२ प्रतिशत लोगों को देश का नियंत्रण एक शक्तिशाली नेता के पास होना चाहिए, ऐसा लगता है ।
२. एक दशक पूर्व लोकतंत्र के गिरावट की मात्रा १२ प्रतिशत थी; परंतु अब वह ५० प्रतिशत हो गई है । इन देशों में अमेरिका, ब्राजिल, फ्रांस, ब्रिटेन एवं भारत समाहित हैं । अफगानिस्तान तथा बेलारूस जैसे अलोकतांत्रिक देशों में शासकीय धौंस बढ गई है । लोकतंत्र की ओर सबसे अधिक आकर्षित अमेरिका तथा ब्रिटेन जैसे देशों में जनता वर्तमान में अनाज का अभाव, महंगाई, बिजली का बढता मूल्य एवं मंदी का सामना कर रही है । लोकतांत्रिक देशों की अनेक समस्याओं के लिए लोग केवल सत्ताधारियों को ही उत्तरदायी मानते हैं ।
३. विश्व में गति से बढ रही विषमता तथा चुनाव पर विश्वास अल्प होना, लोकतंत्र दुर्बल होने के ये कुछ कारण विश्व के सर्व देशों में औसतः समान ही हैं । इन देशों में राजनीतिक ध्रुवीकरण हो गया है । इस कारण लोकतांत्रिक संस्थाओं पर से लोगों का रहा विश्वास अल्प हो गया है । चुनाव में अनुचित प्रकरण हुए; जहां नहीं हुए वहां भी ‘प्रमाणिकता से चुनाव हुए’, इस पर लोगों को विश्वास नहीं है । नागरिकों की समानता की बातें करनेवाले लोकतंत्र में विषमता गति से बढी है । इसलिए लोकतंत्र के संदर्भ में लोगों का भ्रम दूर हो रहा है ।
४. इस वर्ष आधे विश्व में लोकतंत्र संकट में दिखा । रूस के आक्रमण से उद्ध्वस्त यूक्रेन इस बात का सबसे बडा उदाहरण है । लडाई अभी भी जारी है । विश्व इसकी ओर लोकतंत्र के विरुद्ध तानाशाही के रूप में देख रहा है । ‘टाइम’ नियतकालिक को दिए एक साक्षात्कार में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने विश्व को चेतावनी दी है कि यदि हम नष्ट हुए, तो आपके आकाश में चमकनेवाला लोकतंत्र भी नष्ट हो जाएगा ।