१० से १७ वर्ष आयु के १ करोड ५८ लाख बच्चे व्यसनाधीन ! – केंद्र सरकार ने दी उच्चतम न्यायालय को जानकारी
३ करोड १ लाख व्यक्ति गांजा अथवा उससे बने नशीले पदार्थों का करते हैं सेवन
नई देहली – देश में १० से १६ वर्ष की आयु के १ करोड ५८ लाख बच्चों द्वारा विविध प्रकार का नशा किए जाने की दु:खदायक जानकारी केंद्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को दी । उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार इस संबंध में किए गए सर्वेक्षण के आंकडों का संदर्भ देते हुए केंद्र सरकार ने यह जानकारी दी ।
1.5 crore kids into substance abuse, govt informs Supreme Court https://t.co/LLPzSvGdzw
— TOI India (@TOIIndiaNews) December 13, 2022
भारतीयों द्वारा उत्तेजना और नशे के लिए ‘अल्कोहल’ यह सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला घटक है । इसके साथ-साथ गांजा, भांग और अफीम का प्रयोग होता है । अनुमान से १६ करोड नागरिक शराब से ‘अल्कोहल’ का सेवन करते हैं । ५ करोड ७ लाख से अधिक व्यक्ति ‘अल्कोहल’ के अधीन होने से उनके जीवन को खतरा निर्माण हुआ है । ३ करोड १ लाख व्यक्ति गांजा अथवा उससे बने नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं । लगभग २ करोड २६ लाख नागरिक अफीम का सेवन करते हैं । नशे की आदत से बाहर निकलने के लिए उन्हें तत्परता से सहायता की आवश्यकता है ।
केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महान्याय अभिकर्ता ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरथना की खंडपीठ को बताया कि, उच्चतम न्यायालय को १४ दिसंबर ,२०१६ के दिन दिए आदेश का पालन करते हुए सरकार को देश में नशीले पदार्थों के व्यापार की व्याप्ति और नशीले पदार्थों के प्रयोग की जानकारी लेने के लिए देशव्यापी सर्वेक्षण किया ।
ब्योरे के अन्य आंकडे !
१. नशा करने के लिए भारतीय युवा सामान्यत: ‘अल्कोहल’ का प्रयोग करते हैं । कुल जनसंख्या में से १४.६ प्रतिशत नागरिक (१० से ७५ आयु के) मद्यप्राशन करते हैं, अर्थात १६ करोड नागरिक मद्य का सेवन करते हैं ।
२. महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक मद्य सेवन करते हैं । १.६ प्रतिशत महिला तो २७.३ प्रतिशत पुरुष मद्य सेवन करते हैं ।
३. मद्य सेवन में ३० प्रतिशत नागरिक देशी दारु का सेवन करते हैं, तो ३० प्रतिशत नागरिक भारत में बनी विदेशी मद्य का सेवन करते हैं ।
सर्वाधिक मद्य सेवन करने वाले राज्यों में गोवा का भी समावेश !छत्तीसगढ, त्रिपुरा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और गोवा, इन राज्यों में सर्वाधिक मद्य प्राशन किया जाता है । |
संपादकीय भूमिका
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