हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का नेपाल भ्रमण

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का नेपाल भ्रमण संपन्न हुआ । इस भ्रमण में उन्होंने वहां के संतों, आध्यात्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, हिन्दुत्वनिष्ठों, मान्यवर व्यक्तियों तथा उद्योगपतियों से भेंट की, साथ ही विभिन्न समाचार वाहिनियों के साथ भेंटवार्ताएं कीं । इसके संबंध में संक्षेप में वृत्तांत दे रहे हैं –

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी के पास प्रचंड ज्ञान है; इसलिए मैं अनेक दिनों तक उनके साथ भेंटवार्ता कर सकता हूं ! – सुवास आगम, निदेशक, ‘स्वधर्म टीवी’

 

 

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी के साथ भेंटवार्ता संपन्न होने के उपरांत ‘स्वधर्म टीवी’ के निदेशक श्री. सुवास ने कहा, ‘‘मैंने आज तक अनेक संतों के साथ संवाद किया; परंतु वे क्या बता रहे हैं, यह समझना कठिन होता था । इसके विपरीत आज सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी की बातें सुनने पर मेरी सभी शंकाएं दूर हुईं । वे संक्षेप में, अचूकता से और अन्यों की समझ में आए; इस प्रकार से बोलते हैं । उनके पास इतना प्रचंड ज्ञान है कि मैं अनेक दिनों तक उनके साथ भेंटवार्ता कर सकता हूं ।’’

भेंटवार्ता के समय भाव जागृत होने के कारण सुवास आगम के द्वारा उत्स्फूर्तता से भक्तिगीत गाया जाना

श्री. सुवास ने कहा, ‘‘सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी जब बोल रहे थे, उस समय मुझे आज्ञाचक्र एवं सहस्रारचक्र पर अच्छी संवेदनाएं प्रतीत हो रही थीं, साथ ही सुगंध भी आ रही थी ।’’ यह संवाद संपन्न होने के उपरांत श्री. सुवास ने सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी के लिए स्वप्रेरणा से भावपूर्ण पद्धति से भक्तिगीत गाया । इस समय उपस्थित सभी लोगों का भाव जागृत होकर उनकी आंखों में भावाश्रु आ गए ।

‘हिन्दू परिषद नेपाल’ के अध्यक्ष श्री. संतोष पटेल से की भेंट !

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने ‘हिन्दू परिषद नेपाल’ के अध्यक्ष श्री. संतोष पटेल से भेंट की । इस अवसर पर श्री. संतोष ने अनेक संप्रदायों द्वारा विभिन्न देवताओं की पूजा करने तथा शिव मंदिर में जाने के विषय में हिन्दुओं का दिशाभ्रम किए जाने के विषय में चिंता व्यक्त की, साथ ही ‘राजनेता हिन्दू राष्ट्र के विषय में जो बोलते हैं, वे उसके विपरीत कृत्य करते हैं’, ऐसा भी बताया । इस पर सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने बताया, ‘हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देने की आवश्यकता है ।’ अंत में श्री. पटेल ने नेपाल में शुद्ध, प्रभावी एवं सक्षम नेतृत्व का अभाव होने की बात कहकर सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी से ही अनुरोध किया कि ‘आप ही उन्हें प्रशिक्षण दीजिए ।’

‘विश्व हिन्दू महासंघ, बुटवल’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता बेनबहाद्दूर पौडेल एवं लोकनाथ पांड्ये से की भेंट !

‘विश्व हिन्दू महासंघ, बुटवल’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता बेनबहाद्दूर पौडेल एवं श्री. लोकनाथ पांड्ये ने सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी से भेंट की । इस अवसर पर अधिवक्ता पौडेल ने बताया, ‘‘अधिकांश नेपाली जनता को हिन्दू राष्ट्र चाहिए तथा उसके लिए अनेक संस्थाएं कार्यरत हैं; परंतु नेपाल में सक्षम नेतृत्व का अभाव है ।’’ इस पर सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘सर्वप्रथम हमें हिन्दू धर्म का आचरण करना होगा । लोगों के मन में धर्म के विचारों का रोपण करना, उन्हें धर्म की शिक्षा देना, उनमें धर्माभिमान एवं उनका आत्मबल जागृत करना आवश्यक है ।’’

‘धर्म एवं साधना’ विषय पर ‘स्वधर्म टीवी’ वाहिनी के साथ भेंटवार्ता मोक्षार्थी को प्रयासपूर्वक साधना करनी पडती है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

‘स्वधर्म टीवी’ के निदेशक श्री. सुवास आगम ने सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी के साथ ‘धर्म एवं साधना’ विषय पर संवाद किया । उसमें सद्गुरु पिंगळेजी ने कहा, ‘‘साधना कोई बाह्ययात्रा नहीं, अपितु अंतर्यात्रा है । व्यक्ति ने साधना कर चित्तशुद्धि नहीं की, तो वह रावण ही बनेगा । मोक्षार्थी को प्रयासपूर्वक साधना करनी पडती है, साथ ही मोक्ष के लिए संपूर्ण गुरुकृपा ही आवश्यक है ।’’

‘नेपाल ज्योतिष परिषद’ के सदस्य ज्योतिषाचार्य श्री. जनार्दन न्यौपाने से भेंट

सांप्रदायिक लोगों का राष्ट्र एवं धर्म के लिए एकत्रित न होना; इस कार्य की बडी बाधा है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने ‘नेपाल ज्योतिष परिषद’ के सदस्य ज्योतिषाचार्य श्री. जनार्दन न्यौपाने से भेंट की । इस अवसर पर सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘राष्ट्र एवं धर्म के लिए हम एकत्रित नहीं हुए, तो उनकी रक्षा के कार्य में हम ही बाधा बने हुए हैं, ऐसा मानना होगा ।’’

राजनेता श्री. प्रशांत गुप्ता के साथ की सद्भावना भेंट !

सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने नेपाल के राजनेता श्री. प्रशांत गुप्ता से सद्भावना भेंट की । इस अवसर पर श्री. गुप्ता ने कहा, ‘‘आज हिन्दूबहुल बुटवल शहर का महापौर मुसलमान है । यहां के तराई के क्षेत्र में हिन्दू त्योहारों की शोभायात्रा पर पथराव होने लगा है ।’’ उस पर सद्गुरु सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘जागृत हिन्दू ही हिन्दुओं की शक्ति हैं । उसके लिए हिन्दुओं में जागृति लाना आवश्यक है, साथ ही आनेवाले आपातकाल में साधना का बल आवश्यक है ।’’