हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता समझें !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘भ्रष्टाचार, बलात्कार, बुद्धिप्रमाणवाद, अनैतिकता, गुंडागिरी, देशद्रोह, धर्मद्रोह इत्यादि वर्तमान में जो इतना बढ गया है, उसका कारण हैं, स्वतंत्रता से लेकर अभी तक, ७५ वर्ष ,जनता को साधना, नैतिकता इत्यादि न सिखानेवाली अभी तक की सरकारें । इसी से हिन्दू राष्ट्र की अपरिहार्यता समझ में आती है !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले