भारत का वास्तविक महत्त्व !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘भारत के हिन्दुओं को ही नहीं, अपितु पूरे संसार की मानव जाति को हिन्दू धर्म का आधार है ! इसलिए पूरे विश्व से जिज्ञासु अध्यात्म सीखने के लिए भारत आते हैं । बुद्धिप्रमाणवादी, धर्मद्रोही एवं साम्यवादी, इनका दर्शन सीखने के लिए भारत में कोई नहीं आता; परंतु यह भी उन्हें समझ में नहीं आता !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले