#Ayurved : भूख लगने से पूर्व खाना हानिकारक है !
१. ‘भूख न लगना’ अर्थात शरीर में क्लेद होकर उससे अग्नि का धीमा हो जाना’; ऐसी स्थिति में भोजन करने से अन्न का पाचन ठीक से नहीं होता और कभी-कभी उससे पेट फूल जाता (गैसेस) है ।
सामान्य रूप से उचित मात्रा में लिया गया आहार ३ घंटे उपरांत जठर से छोटी आंतों में प्रवेश करता है । इसलिए दो बार के आहार में न्यूनतम ३ घंटे का अंतर होना चाहिए । भूख लगे बिना केवल ‘रुचि’ के कारण अथवा ‘स्वाद के लिए’ खाने से आंशिक रूप से पचे हुए अन्न में नया अन्न मिल जाता है और उससे स्वास्थ्य की हानि ही होती है ।
२. अधिकांश लोगों को दिन में जब-तब आते-जाते सेव, चिवडा, मिठाई, सूखे मेवे आदि मुंह में डालने की आदत होती है । स्वास्थ्य की दृष्टि से इस आदत को गंभीरतापूर्वक छोडना आवश्यक है । ऐसे पदार्थ आहार लेने के निर्धारित समय में ही खाने चाहिए ।
३. सवेरे काम के लिए घर से बाहर निकलते समय भूख न लगी हो, तो साथ में खाने का डिब्बा ले जाएं । काम पर पहुंचने पर भूख लगे, तो पहले खाकर उसके पश्चात काम आरंभ करें । इसके लिए घर से थोडा शीघ्र निकलें ।
‘सवेरे शौच हुए बिना तथा जोर से भूख लगे बिना आहार लेना’ सभी बीमारियों का एक महत्त्वपूर्ण कारण है । ‘शौच होने पर जोर से भूख लगने के उपरांत आहार लेना’ स्वास्थ्य की कुंजी है । |
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