#Ayurved : भोजन की मात्रा सुनिश्चित करने में संतुष्टि का महत्त्व !

भोजन की मात्रा सुनिश्चित करते समय संतुष्टि का बडा महत्त्व है । भोजन करने के उपरांत मिलनेवाली विशिष्ट प्रकार की संतुष्टि है तृप्ति! जब भोजन में समाहित मुख्य पदार्थ लघु (पाचन में हल्के) हों, उदा. दाल-चावल, चावल की रोटी; ऐसे समय में मन तृप्त होने तक भोजन करें । उससे अधिक न खाएं । भोजन में श्रीखंड, चने की पुरी जैसे भारी (पाचन में भारी) पदार्थ हों, तो आधी भूख शेष रखकर भोजन करें । तृप्ति होने तक भोजन न करें । ऐसा करने से अन्न की मात्रा यथोचित रहती है तथा उससे अन्न का पाचन सुचारु रूप से होता है ।

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