धर्मद्रोही बुद्धिप्रमाणवादियों की दोहरी नीति !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘विज्ञान ने सिगरेट, शराब इत्यादि के दुष्परिणाम सिद्ध किए हैं, तब भी धर्मद्रोही बुद्धिप्रमाणवादी उसके विषय में अभियान नहीं चलाते । जुआ आदि के विषय में भी अभियान चलाने के स्थान पर केवल हिन्दू धर्म के विरुद्ध अभियान चलाकर स्वयं को ‘आधुनिक’ कहलाते हैं, यह ध्यान में रखें !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले