भारत में मुसलमानों को जितनी सुविधाएं मिलती हैं, उतनी अन्य किसी भी इस्लामी देश में नहीं !
आइ.ए.एस. अधिकारी शाह फैसल ने दिया मुसलमानों को घर का उपहार
नई देहली – भारत में मुसलमानों को समान नागरिकों का स्तर (दर्जा) मिल रहा है । भारत में मुसलमानों को जितनी सुविधाएं मिलती हैं, उतनी अन्य किसी भी इस्लामी देश में नहीं ! भारतीय प्रशासकीय सेवा के अधिकारी शाह फैसल ने ऐसा ट्वीट किया । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर ऋषी सुनक की नियुक्ति होने पर उन्होंने यह ट्वीट किया ।
It's possible only in India that a Muslim youngster from Kashmir can go on to top the Indian Civil Service exam, rise to top echelons of the government, then fall apart with the government and still be rescued and taken back by the same government. Rishi Saunak's appointment 1/4
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
शाह फैसल ने आगे कहा कि ऋषी सुनक की नियुक्ति अपने पडोसियों के लिए आश्चर्यजनक हो सकता है । जहां संविधान के अनुसार केवल मुसलमान व्यक्ति ही सरकार में सर्वोच्च पद पर विराजमान हो सकता है; परंतु भारतीय लोकतंत्र जातीय, तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों में कभी भेदभाव नहीं करता । कश्मीर का एक युवक नागरी सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण होता है, सरकार में उच्च पद पर जाता है, उसके उपरांत वह सरकार से विभक्त होता है तथा पुन: वही सरकार उसे सेवा में वापस लेती है, यह केवल भारत में हो सकता है । मुझे प्रत्येक कदम पर देश में सम्मान तथा समर्थन मिला है ।
मौलाना आजाद से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह, जाकीर हुसेन तथा द्रौपदी मुर्मू तक प्रत्येक व्यक्ति को इस देश में समान अवसर है । मैंने स्वयं सर्वोच्च पद पर पहुंच कर यह अनुभव किया है ।
in any other so called Islamic country.
My own life-story is about a journey, shoulder to shoulder, with each fellow citizen of this nation of 1.3 Billion people, where I have felt owned, respected, encouraged and at times pampered at every step of the way. That's India.
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— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
शाह फैसल का परिचय
शाह फैसल वर्ष २००९ में भारतीय प्रशासकीय सेवा में (आइ.ए.एस.) अधिक अंक प्राप्त अधिकारी हैं । उन्होंने जनवरी वर्ष २०१९ में त्यागपत्र देते हुए सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था । उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा ‘कश्मीर के नागरिकों की हो रही हत्याएं, मुसलमानों के अधिकाराें की अनदेखी तथा सार्वजनिक संस्था नष्ट’ करने के निषेधार्थ त्यागपत्र दे रहे हैं । उसके उपरांत उन्होंने ‘जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जे.के.पी.एम.)’ पक्ष स्थापित किया था । जम्मू कश्मीर का विशेष स्तर (दर्जा) अमान्य (निरस्त) करने के पश्चात फैसल को सार्वजनिक सुरक्षा कानून के अंतर्गत नियंत्रण में लिया गया था ।