श्रीलंका में ८ तमिल हिन्दू आरोपियों को राष्ट्रपति की ओर से क्षमा
‘लिबरेशन टायगर ऑफ तमिल ईलम्’ से (‘लिट्टे’ से) संबंध होने का था आरोप !
कोलंबो (श्रीलंका) – श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने ८ तमिल हिन्दू बंदियों को क्षमा करते हुए उन्हें छोड दिया है । इन सभी को, ‘लिबरेशन टायगर ऑफ तिमल ईलम्’ से (‘लिट्टे’ से) संबंध होने के कारण बंदी बनाया गया था । ये सभी पिछले कुछ वर्षों से जेल में थे । उनमें से ३ लोगों पर पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका भंडारनायके कुमारतुंगा की हत्या का प्रयास करने का आरोप था, जिसमें वे दोषी सिद्ध हुए थे । वे पिछले २२ वर्ष कारावास में थे । उन्हें छोडने के लिए श्रीलंका की तमिल राजनीतिक पार्टी और नेता सरकार पर दबाव निर्माण कर रहे थे ।
अन्य आरोपियों को आतंकवाद नियंत्रण कानून के अंतर्गत बंदी बनाया गया था । इस कानून को रद्द करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका पर दबाव बनाया जा रहा था । वर्ष २०२१ में युरोपीय संसद ने यह कानून रद्द करने के लिए बताया था । तब श्रीलंका सरकार ने इस संसद को आश्वासन दिया था कि वे इस कानून का प्रयोग नही करेंगे ।