जिहाद का संरक्षक पाकिस्तान ‘एफ.ए.टी.एफ’ की ब्लैकलिस्ट सूची से बाहर !
(एफ.ए.टी.एफ अर्थात फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स ! यह संगठन आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर हो रहे आर्थिक सहायता की ओर ध्यान देने का कार्य करता है ।)
इस्लामाबाद – जिहादी आतंकवाद के संरक्षक पाकिस्तान को ४ वर्षाें से ‘एफ.ए.टी.एफ’ नेताओं की ब्लैकलिस्ट सूची से बाहर निकाल दिया गया है । पाकिस्तान ने इस निर्णय पर आनंद व्यक्त किया है तथा आतंकवाद के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति स्थायी रूप से अपनाने की भूमिका प्रस्तुत की है । यद्यपि ऐसा है, तब भी अनेक तज्ञों के मतानुसार आतंकवाद पाकिस्तान सरकार के अधिकृत नीति का ही एक भाग है ।
१. कुछ माह पूर्व एफ.ए.टी.एफ ने कहा था कि वास्तव में पाकिस्तान की स्थिति के संदर्भ में हमारे सदस्य प्रत्यक्ष रूप से वहां जाकर अध्ययन करेंगे । सितंबर माह में संगठन के कुछ सदस्याें ने पाकिस्तान का दौरा किया था । तदुपरांत अभी हुई संगठन की बैठक में उपर्युक्त निर्णय लिया गया है ।
२. वर्ष २०१८ में एफ.ए.टी.एफ ने जिहादी आतंकवाद को धनापूर्ति कराने के लिए पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट सूची में समावेश कर दिया था ।
३. पिछली बैठक में पाकिस्तान ने जैश-ए-महम्मद का प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तोयबा का संस्थापक हाफीज सईद तथा जकीउर रहमान लखवी के साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा बताए गए कुछ आतंकवादियों के विरुद्ध कार्यवाही कर उन्हें नियंत्रण में लेने का दावा किया था ।
पाकिस्तान पर क्या परिणाम होगा ?
विशेषज्ञों के मतानुसार पूर्व से ही आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट सूची के बाहर निकाला गया है, तब भी उसकी आर्थिक स्थिति पर विशेष परिणाम नहीं होगा; परंतु ब्लैकलिस्ट सूची में रहते हुए वैश्विक स्तर पर उसके द्वारा हो रही आर्थिक देन-लेन पर गुप्तचर संगठन का जो ध्यान था, उसमें अब शिथिलता आने की संभावना है । उसी प्रकार पाकिस्तान में विदेशी निवेश भी बढ सकता है ।