मठ के मंदिर पर कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का आंध्रप्रदेश सरकार का निर्णय अमान्य !
आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा हिन्दूद्वेषी वाइ.एस.आर. कांग्रेस सरकार को फटकार !
कुर्नुल (आंध्र प्रदेश) – आंध्र प्रदेश के वाइ.एस.आर कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य के अहोबिलम मंदिर पर सरकारी कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का आदेश आंधप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अमान्य किया गया । न्यायालय ने सरकार का आदेश राज्य संविधान का अपमान करनेवाला है ऐसा कहते हुए मंदिर में हस्तक्षेप न करने का आदेश दिया है ।
State Has No Authority Or Entitlement To Appoint Executive Officer In Ahobilam Math Temple-Andhra Pradesh HC@AgathaShukla reportshttps://t.co/KaO2m6kbtJ
— LawBeat (@LawBeatInd) October 15, 2022
१. अहोबिलम मठ तमिलनाडू में है, जबकि उसका मंदिर आंध्रप्रदेश राज्य के कुर्नुल में है । उसके संचालन तथा सुरक्षा हेतु राज्य सरकार ने एक कार्यकारी अधिकारी को नियुक्त किया था । उच्च न्यायालय ने, ‘यह नियुक्ति राज्य संविधान की धारा २६ (ड) का उल्लंघन है तथा वह मठाधिपतियों के अधिकारों में हस्तक्षेप करनेवाली है । यहां के मंदिर इस मठ के भाग हैं’, ऐसा कहते हुए आदेश अमान्य किया ।
२. मंदिर एवं मठ भिन्न भिन्न हैं, न्यायालय ने इस समय यह अमान्य किया । न्यायालय ने कहा कि मठ तमिलनाडू में जबकि मंदिर आंधप्रदेश में है । इसलिए यह दावा दोषपूर्ण है कि मंदिर मुख्य मठ से संबंधित धार्मिक पूजा स्थल नहीं होता । क्योंकि एक समय ये दोनों स्थल मद्रास राज्य के अंतर्गत थे ।
३. न्यायालय ने आगे ऐसा भी कहा कि आध्यात्मिक, धार्मिक अथवा संप्रदाय में एकरूपता रहते में मठ तथा मंदिर दूर हैं, ऐसे कहना चूक है । यद्यपि मठ तथा मंदिर भौगोलिक दृष्टि से भिन्न भिन्न स्थान पर हैं, तब भी परंपरा, प्रथा, अनुष्ठान आदि में उनमें एकरूपता है । कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर मठाधिपति के अधिकार को अस्वीकार नहीं कर सकते ।
संपादकीय भूमिकापूरे भारत में मठ तथा मंदिर सरकारीकरण से मुक्त होने हेतु हिन्दुओं को संगठित होकर वैध मार्ग से प्रयास करना आवश्यक ! |