भारतीय अर्थव्यवस्था में हुई वृद्धि दिखाने के लिए छापा सपेरा का व्यंग्य चित्र !

  • स्पेन के समाचारपत्र ने भारत को नीचा दिखाया !

  • भाजपा सांसद ने जताया विरोध !

‘ला वैनिगार्डिया’ नामक स्पेन के दैनिक समाचारपत्र में भारतीय अर्थव्यवस्थे में आई वृद्धि के संबंध में प्रकाशित व्यंग्य चित्र

नई देहली – स्पेन के चौथे क्रम के समाचारपत्र दैनिक ‘ला वैनिगार्डिया’ ने भारतीय अर्थव्यवस्थे में आई वृद्धि के संबंध में एक व्यंग्य चित्र प्रकाशित किया है । इसमें भारत की बढती अर्थव्यवस्था को एक सांप के माध्यम से दिखाया गया है तथा उसमें एक सपेरा बीन बजाकर नचा रहा है, इस प्रकार से यह चित्र बनाया या है । इसके कारण इस समाचारपत्र की निंदा की जा रही है ।

१. यह लेख ९ अक्टूबर को ‘द आर ऑफ द इंडियन इकॉनॉमी’ अर्थात ही ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का समय’ इस शीर्ष के अंतर्गत प्रकाशित हुआ है । इस लेख का विरोध नहीं किया जा रहा है, अपितु इस लेख में बनाए गए व्यंग्य चित्र के आपत्तिजनक होने से भारतीयों द्वारा उसका तीव्र विरोध किया जा रहा है ।

२. भाजपा के बेंगलुरू के सांसद पी.सी. मोहन ने इस लेख का छायाचित्र ट्वीट कर उसके प्रति नापसंदगी व्यक्त की है । मोहन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर बढ रही है; परंतु स्वतंत्रता के अनेक दशक उपरांत भी सपेरे के रूप में भारत का चित्र बनाना मूर्खतापूर्ण है । विदेशी विचारों को परिवर्तित करना कठिन कार्य है ।

३. ‘झिरोधा’ प्रतिष्ठान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितीन कामत ने भी इस पर क्षोभ व्यक्त किया है । भारतीय अर्थव्यवस्था का संपूर्ण जगत् में संज्ञान लिया जा रहा है, यह बहुत अच्छी बात है; परंतु इस चित्र में भारत के प्रतिनिधि के रूप में सपेरा दिखाया गया है, जो देश का अपमान है ।

भारत विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनेगी !

ब्रिटेन को पीछे छोड अब भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवे स्थान पर पहुंच गई है । वर्तमान विकास की दर के अनुसार भारत वर्ष २०२७ में जर्मनी को तथा वर्ष २०२९ में जापान को पीछे छोडकर विश्व की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनेगा । ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ के शोध ब्योरे के अनुसार इस वर्ष की तिमाही में विकास दर १३.५ प्रतिशत रही है । इस वित्तिय वर्ष में विश्व में सबसे तीव्रगति से बढनेवाली अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है ।

संपादकीय भूमिका

एक समय में पश्चिमी राष्ट्र भारत को ‘सपेरों का देश’ बोलकर नीचा दिखाते थे । अब भारत को ऐसे लोगों को उनका स्थान दिखाने का समय आ गया है !