कोलकाता में दुर्गापूजा मंडप में महात्मा गांधी को दर्शाया गया राक्षस के रूप में
कोलकाता (बंगाल) – यहां के अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के दुर्गापूजा मंडप में राक्षस के रूप में मोहनदास गांधी समान दिखनेवाली एक प्रतिमा रखी गई है तथा श्री दुर्गादेवी को उनकी हत्या करते हुए दर्शाया गया है । इस पर राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, माकप तथा कांग्रेस के साथ सभी दलाों द्वारा आलोचना की गई । इस मूर्ति ने धोती पहनी हुई है और हाथ में डंडा लिए हुए है। इसे गांधी की तरह बनाया गया है । आयोजकों ने स्पष्ट करते हुए कहा है इस प्रतिमा तथा म. गांधी में समानताएं संयोग है । इसी समय आयोजकों ने ऐसा भी कहा है कि स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीजी की भूमिका पर आलोचना करना आवश्यक है ।
इस विषय में स्पष्टीकरण देते हुए अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के बंगाल के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी ने कहा कि गंजा तथा उपनेत्र (चष्मा) पहना व्यक्ति म. गांधी ही हो ऐसा आवश्यक नहीं है । इस दृश्य में राक्षस के पास ढाल है । गांधी के पास ढाल कभी भी नहीं थी । हमारे दृश्य में श्री दुर्गादेवी द्वारा मारा गया राक्षस गांधी समान दिखाई देना, यह केवल संयोग है ।
Complaint filed against All India Hindu Mahasabha whose pandal had showcased an idol resembling Mahatma Gandhi, ANI reports.https://t.co/PiuvjOXfWl
— ABP LIVE (@abplive) October 3, 2022
राजनीतिक पक्षों द्वारा की गई आलोचना
१. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि यह भाजपा का असली चेहरा है. एम। गांधी राष्ट्रपिता हैं । गांधी और उनकी विचारधारा का विश्व में सम्मान है । गांधी के प्रति इस तरह का अपमान सहन नहीं किया जा सकता था । हम इसका सार्वजनिक रूप से विरोध करते हैं ।
२. माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सामिक लाहिड़ी ने कहा कि भाजपा और आर.एस. संघ केवल भारत को विभाजन कैसे करें ?’ यही समझ में आता है । वे ब्रिटिश विरोधी शक्तियों को ‘असुर’ मानते हैं, जबकि श्री दुर्गमाते को ब्रिटिश।
३. कांग्रेस प्रवक्ता श्री. सौम्या रॉय ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधी को ‘महात्मा’ कहा था । ऐसे महान व्यक्ति का अपमान न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लज्जाजनक है।
४. बीजेपी प्रवक्ता समीक भट्टाचार्य ने बीजेपी के पक्ष पर सफाई देते हुए कहा कि हम ऐसी बातों का समर्थन नहीं करते हैं. यह संपूर्ण रूप से अस्वीकार्य है । प्रशासन को आयोजकों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।