देश भर में पुन: एक बार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी !
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नई दिल्ली – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए.) व ९ राज्यों के आतंकवाद-विरोधी पथकों और प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने एक बार पुन: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर छापे मारे । ऎसा बताया जा रहा है कि १०० से अधिक लोगों को बंदी भी बनाया जा चुका है । कहा जाता है कि दिल्ली से ३० , कर्नाटक से ४५ और महाराष्ट्र से २७ लोगों को बंदी बनाया गया है । इससे पहले की गई कार्यवाई में १५ राज्यों से १०६ लोगों को बंदी बनाया गया था । पहली छापेमारी में जिन लोगों को बंदी बनाया गया उनसे पूछताछ में अनेक तथ्य सामने आए । उसके उपरांत उसके आधार पर ये छापेमारी दूसरी बार की गई ।
NIA Raids on PFI: Second round of raids underway in eight states, 45 PFI members detained in Karnataka, 25 in Assamhttps://t.co/QmYWRvVezb
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 27, 2022
१. एन.आई.ए.ने दिल्ली के शाहीन बाग में छापेमारी की । उसके उपरांत वहां केंद्रीय पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। उसी समय महाराष्ट्र से २७ कार्यकर्ताओं को, कर्नाटक के कोलार से ६ को और २५ को असम से बंदी बनाया गया है।
२. असम के ७ जिलों की कार्यवाई में २५ कार्यकर्ताओं और नेताओं को बंदी बनाया गया है। असम पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि कामरूप ग्रामीण से ५, गोलपारा से १० , करीमगंज से १, उदालगुरी से १, दरंग से १, धुबरी से ३ और बारपेटा से २ लोगों को बंदी बनाया है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया २०४७ तक भारत को इस्लामिक देश बनना चाहता है !
बंदी बनाए गए लोगों से मिले कागज पत्रों में कहा गया है कि पी.एफ.आई. भारत की सत्ता अपने हाथ में लेना चाहता है। “जब देश वर्ष २०४७ में स्वतंत्रता का शताब्दी वर्ष मनाएगा तब तक भारत एक इस्लामी राष्ट्र बनना चाहिए “। साथ ही ‘यदि १० प्रतिशत मुसलमान भी समर्थन करते हैं, तो वे काफिर (हिंदुओं) को घुटनों पर ले आएंगे । इसके लिए उनके पास पूरा ४ स्तरीय कार्य योजना है ।
संपादकीय भूमिकादेशभक्तों की मांग है कि पी.एफ.आई. के ठिकानों पर केवल छापेमारी करना व्यर्थ है, वास्तव में सरकार को इसकी राष्ट्र द्रोही गतिविधियों के कारण इसे समूल नष्ट करके करने हेतु इस पर त्वरित प्रतिबंध लगाना चाहिए ! |