श्री. मिलिंद चवंडके लिखित ‘श्रीकानिफनाथमाहात्म्य’ ग्रंथ को श्रद्धालुओं से मिला अभूतपूर्व प्रतिसाद
नगर (महाराष्ट्र) – नाथ संप्रदाय के शोधकर्ता श्री. मिलिंद सदाशिव चवंडके के सिद्धहस्त लेखनी से साकार हुआ ‘श्रीकानिफनाथमाहात्म्य’ इस ग्रंथ में विविध प्रांतों के श्रद्धालुओं से अभूतपूर्व प्रतिसाद मिला । केवल २७ दिनों में १ सहस्र ग्रंथ श्रद्धालुओं तक पहुंचे । ‘श्रीकानिफनाथमाहात्म्य’ इस मराठी भाषा के ग्रंथ का अनुवाद हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड एवं तेलुगु भाषाओं में करने की श्रद्धालुओें ने मांग की है ।
आवाहन : श्रद्धालु भारी संख्या में इस अद्वितीय कार्य के लिए यथाशक्ति अपने तन-मन-धन से स्वयंप्रेरणा से सहयोग करें । जनमानस में प्रचलित एवं माहात्म्य बढानेवाले नवनाथों की कथाएं श्री. मिलिंद चवंडके को भेजें । नाथों के पदस्पर्श से पावन हुए नाथस्थल, तपोभूमि एवं साधनाभूमि विविध स्थानों पर हैं । इन सभी की विस्तृत जानकारी पुरातन ग्रंथों के आधार पर संकलित कर, श्री. चवंडके को भेजकर इस दैवीय कार्य में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त करें, ऐसा आवाहन किया गया है ।
आठों नाथों पर ग्रंथ-निर्मिति करने का संकल्प
प.पू. श्रीकानिफनाथों के ग्रंथ समान शेष आठों नाथों के स्वतंत्र ग्रंथों की निर्मिति कर, उन्हें भी पांच भाषाओं में श्रद्धालुओं के हाथों में देने का संकल्प श्री. मिलिंद चवंडके ने लिया है । नवनाथों के ग्रंथ का स्वतंत्र लेखन प्रथम बार होने से हम सभी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षीदार बनेंगे ।
‘यूनिवर्सल ऑरा स्कैनर’ के निरीक्षण में ग्रंथ की दैवीय शक्ति की आई प्रचीति ! – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ
रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी को ग्रंथकार श्री. मिलिंद चवंडके द्वारा भेजे गए इस ग्रंथ के सभी अध्यायों का महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय ने ‘यूनिवर्सल ऑरा स्कैनर’ इस अत्याधुनिक उपकरण से निरीक्षण किया । श्री. चवंडके ने बताया, ‘वैज्ञानिक परीक्षण की रिपोर्ट, ग्रंथ में उतरी हुई नाथों की दैवीय शक्ति दिखानेवाला एवं श्रद्धालुओं का भक्तिभाव वृद्धिंगत करनेवाला सिद्ध हुआ ।’ श्रद्धालुओं की मांग का विचार कर इस ग्रंथ का अनुवाद हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड एवं तेलुगु, इन भाषाओं में करने का संकल्प किया है । श्रीचित्शक्ति श्रीमती अंजली गाडगीळजी के सहयोग से इस अनुवाद का कार्य प्रभावी रूप से संपन्न होगा, ऐसा विश्वास श्री. मिलिंद चवंडके ने व्यक्त किया है ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ग्रंथ निर्मिति के लिए निधि प्राप्त हो ! – नाथभक्तों की अपेक्षा
नवनाथों के स्वतंत्र ग्रंथ का लेखन करने के लिए पुरातन जनमान्य कथाओं का संकलन करने का शुभारंभ श्री. मिलिंद चवंडक ने कर दिया है । हिन्दी, मराठी, अंग्रेजी, कन्नड एवं तेलगु, इन पांच भाषाओं में नवनाथों का पारायण ग्रंथ प्रथम बार ही साकार होनेवाला है । स्पष्ट है कि इस कार्य के लिए बडा खर्च होगा । एक नाथ की पांच भाषाओं के ग्रंथ के लिए कुल पंद्रह लाख का खर्च होगा । नवनाथों के नौ ग्रंथ और प्रत्येक ग्रंथ पांच भाषाओं में निर्माण करने के लिए १ करोड ३५ लाख का खर्च होगा । गोरखपुर के प.पू. श्रीगुरुगोरक्षनाथ पीठ के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ इस ऐतिहासिक नाथकार्य को पूर्णत्व तक ले जाने के लिए खुले हस्तों से निधि उपलब्ध करवाएं, ऐसी मांग नाथभक्त कर रहे हैं ।
जानकारी भेजने हेतु पताश्री. मिलिंद सदाशिव चवंडके, स्वागत बिल्डिंग, महादेव मंदिर के सामने, अमृतकलश अपार्टमेंट के निकट, बोरूडे मळा, मु.पो.जि. अहमदनगर (महाराष्ट्र) पिन कोड ४१४ ००१. चल-दूरभाष – 9422495289. |