पश्चिमी देशों का सामना करने के लिए रूस के ३ लाख सैनिकों की भरती करेंगे !

रशिया-युक्रेन युद्ध

पुतिन ने परमाणू आक्रमण की दी चेतावनी !

मॉस्को (रूस) – रूस एवं युक्रेन में युद्ध आरंभ हुए ७ माह हो गए, तब भी अमेरिका सहित पश्चिमी देश रूस की आक्रमकता पर लगाम कसने में असफल रहे हैं । रूस के नियंत्रण में युक्रेन के अनेक शहरों पर युक्रेन ने पुन: नियंत्रण पाना आरंभ करने के समाचार को गलत बताते हुए रूस के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि ३ लाख सैनिकों की भरती की जाएगी । कहा जा रहा है कि इससे पश्चिमी शक्तियों की चिंता बढ गई है ।

१. सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रूस के २० लाख सैनिकों के आंशिक एकत्रीकरण के कारण देश का सामर्थ्य बढेगा । सेना का ‘आंशिक एकत्रीकरण’ अर्थात कुछ निर्धारित आयु अथवा सैनिकी प्रशिक्षण लिए हुए नागरिकों का एकत्रीकरण ! इस निर्णय के अंतर्गत रूसी नागरिकों को भी युद्ध में प्रत्यक्ष योगदान देना होगा । जिन नागरिकों ने सैनिकी प्रशिक्षण लिया है अथवा उसका अनुभव है, उन्हें पुन: सेना में सम्मिलित किया जाएगा । इससे रूसी सेना की शक्ति भारी मात्रा में बढ जाएगी ।

२. रूस ने २३ से २७ सितंबर, अपने नियंत्रण में लिए लुहान्स्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन एवं जापोरिज्जिया प्रांतों में जनमत संग्रह करने की घोषणा की है । ये प्रांत युक्रेन की कुल भूमि में से १५ प्रतिशत हैं । यह भी पश्चिमी शक्तियों की चिंता का एक कारण बन गया है ।

क्या बोले राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ?

व्लादिमिर पुतिन ने रूसी नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मातृभूमि, सार्वभौमत्व एवं क्षेत्रीय अखंडत्व की रक्षा करना आवश्यक है । इसलिए मैंने रूसी सेना द्वारा लिए आंशिक एकत्रीकरण के निर्णय पर हस्ताक्षण किए हैं । रूसी लोगों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लेना आवश्यक था ।

वे आगे बोले, यदि क्षेत्रीय अखंडता पर संकट निर्माण हुआ, तो रूस उसकी सर्व साधनसंपत्ति का उपयोग करेगा । पश्चिमी शक्तियों के संभाव्य परमाणू आक्रमण पर वे बोले, रूस से ‘पश्चिमी संकटों’का सामना करने के लिए बहुत शस्त्रास्त्र हैं ।