‘घर की मुर्गी दाल बराबर’, कहावत को चरितार्थ करनेवाले भारत के हिन्दू !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘पूरे विश्व के जिज्ञासु चिरंतन आनंद की प्राप्ति हेतु अध्यात्म सीखने के लिए संसार के अन्य किसी भी देश में नहीं जाते, भारत आते हैं , जबकि भारतीय केवल सुखप्राप्ति के लिए अमेरिका, इंग्लैंड इत्यादि देशों में जाते हैं !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म (डॉ.) जयंत आठवले