श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के अग्रगामी आचार्य धर्मेंद्रजी का देहत्याग !
प्रधानमंत्री मोदीजी ने शोक व्यक्त किया !
जयपुर (राजस्थान) – श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन के अग्रगामी संत एवं हिन्दू नेता आचार्य धर्मेंद्रजी ने १९ सितंबर को देहत्याग किया । उनके देहत्याग के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने शोक व्यक्त किया है । विगत कुछ दिनों से आचार्य धर्मेंद्रजी बीमार थे । यहां के एस.एम.एस. चिकित्सालय के अतिदक्षता विभाग में उनके उपचार चल रहे थे । इस विषय में प्रधानमंत्री मोदीजी निरंतर जानकारी लेते थे । राजस्थान के भाजपा के अध्यक्ष एवं अन्य नेताओं ने चिकित्सालय जाकर उनकी पूछताछ भी की थी ।
समाज और राष्ट्रसेवा में समर्पित श्रीमद् पंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 19, 2022
श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय सहभाग
अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में आचार्य धर्मेंद्रजी सक्रिय थे । बाबरी ढांचा गिराने के प्रकरण में लालकृष्ण आडवानी एवं मुरली मनोहर जोशी के साथ आचार्य धर्मेंद्रजी भी आरोपी थे । जब इस प्रकरण का निर्णय होनेवाला था, तभी उन्होंने कहा था, ‘मैं इस प्रकरण में प्रथम आरोपी हूं । दंड से क्या घबराना ? जो किया है, वह सभी के सामने किया ।’ विश्व हिन्दू परिषद से वे अनेक वर्षों से जुडे हुए थे । हिन्दुओं की समस्याओं पर वे स्पष्ट एवं दृढ मत प्रस्तुत करते थे ।
आचार्य धर्मेंद्रजी का परिचय
आचार्य धर्मेंद्रजी का जन्म ९ जनवरी १९४२ में गुजरात के मालवाडा में हुआ था । उनके पिताजी का नाम महात्मा रामचंद्र वीर महाराज था । आचार्य धर्मेंद्रजी अपने पिताजी के व्यक्तित्व से बहुत अधिक प्रभावित थे । आचार्यजी ने आयु के १३ वें वर्ष में ‘वज्रांग’ नामक एक दैनिक आरंभ किया था । वर्तमान में वे जयपुर के विराटनगर मठ में रहते थे । वहीं वे अपनी साधना करते थे । कुछ वर्ष पूर्व आचार्य धर्मेंद्रजी ने सनातन संस्था के रामनाथी, गोवा स्थित आश्रम का भ्रमण किया था ।