अधिवक्ता इरशाद अली ने स्वयं को हिन्दू दर्शाते हुए किया हिन्दू युवती से विवाह !

अब राजधानी देहली में लव जिहाद की घटना उजागर !

  • मुसलमान होना उजागर होने पर धर्मपरिवर्तन एवं नमाज पढने के लिए डाला दबाव

  • मारपीट के कारण पीडिता के शरीर पर घावों के २८ निशान; वैद्यकीय जांच से पैर की हड्डी टूटने की पुष्टि

  • इरशाद पहले से ही विवाहित एवं बच्चे भी होना हुआ उजागर !


देहली – यहां के ज्योतिनगर भाग की पुलिस ने लव जिहाद के एक प्रकरण में इरशाद अली नामक एक अधिवक्ता को बंदी बनाया है । आरोपी इरशाद अली ने यह बताकर कि वह हिन्दू है, उसके पास वकीली काम का अनुभव लेने के लिए आई हिन्दू युवती को अपने प्रेमजाल में फांसकर उससे विवाह किया । तदुपरांत जब यह उजागर हुआ कि वह मुसलमान है, तो वह उसपर धर्मांतर एवं नमाज पढने के लिए दबाब डालने के लिए मारपीट करने लगा ।

१. वर्ष २०११ में आरोपी इरशाद अली के पास वकीली काम का अनुभव लेने के लिए आई हिन्दू युवती को अपना नाम गुड्डू चौधरी बताया । पीडिता को इसपर विश्वास हो जाए, इसलिए उसने अपने हाथ पर दुर्गादेवी का ‘टैटू’ भी गुदवाया था ।

२. आगे दोनों में प्रेम हुआ और वर्ष २०१५ में विवाह कर लिया । कुछ समय पश्चात पीडिता को पता चला कि गुड्डू मुसलमान है और उसका नाम इरशाद अली है । वह पहले से विवाहित है और उसके बच्चे भी हैं । तदुपरांत ईरशाद ने उसे अनेक बार पीटा ।

३. पीडिता के पुलिस में परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात जब उसकी वैद्यकीय जांच हुई तब उसके शरीर पर २८ स्थानोंपर घाव होने एवं पीटने के कारण युवती के पैर की हड्डी टूटने की बात उजागर हुई ।

संपादकीय भूमिका

  • ‘मुसलमानों को मुख्य प्रवाह में शिक्षा देने के उपरांत उनके अपराध अल्प होंगे’, ऐसा दावा करनेवालों को अब इसपर क्या कहना है ?
  • धर्र्मांंध मुसलमान कितने मी उच्चशिक्षित हों, तब भी उनमें धर्मांधता अल्प नहीं होती, यही इससे ध्यान में आता है !
  • लव जिहाद पर प्रतिबंध लगाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कठोर लव जिहादविरोधी कानून करने के साथ ही समान  नागरिक कानून करना आवश्यक है । इससे मुसलमान एक से अधिक विवाह नहीं कर सकेंगे, यह ध्यान रखें !