‘ऋग्वेद मांसाहार करने की अनुमति देता है, ऐसा कहनेवाला जम्मू में मुसलमान अधिकारी निलंबित
राजौरी (जम्मू-कश्मीर) – हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने के प्रकरण में यहां प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी अब्दुल राशिद कोहली को निलंबित किया गया है । दोपहर कनिष्ठ सहयोगियों के साथ अब्दुल राशिद कोहली ने भोजन करते समय उनके समक्ष ऐसे कहा था कि ‘ऋग्वेद मांसाहार की अनुमति देता है ।’ इसकारण उसे निलंबित किया गया है । जिनके समक्ष यह वक्तव्य किया था, उन ४ ग्रामसेवकों में से एक ग्रामसेवक के परिवाद के उपरांत यह कार्रवाई की गई है ।
Jammu and Kashmir: Govt official Abdul Rashid suspended for hurting religious sentiments, had used beef jibes to mock eating habits of Hindushttps://t.co/2HutM10OVR
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 8, 2022
१. निलंबन के आदेश में कहा गया है कि इस अधिकारी के विधान के कारण कानून एवं सुव्यवस्था बिगड सकती है । उसने नागरी सेवा आचरण के नियमों का उल्लंघन किया है ।
२. अब्दुल राशिद ने इस पर कहा, ‘मैं ४ ग्रामसेवकों के साथ एक होटल में भोजन करने गया था । उनमें २ मुसलमान थे और २ हिन्दू थे । इनमें से एक ने शाकाहारी भोजन मंगवाया एवं शेष ग्रामसेवकों ने मांसाहारी भोजन मंगवाया । भोजन करते समय ‘ऋग्वेद मांसाहार की अनुमति देता है अथवा नहीं’, इस पर चर्चा शुरू हुई । मैंने इंटरनेट पर पढा था कि ऋग्वेद मांसाहारी भोजन की अनुमति देता है । (इंटरनेट पर अब्दुल राशिद के धर्म के विषय में बहुत कुछ लिखा है, इस विषय पर वे क्यों नहीं बोलते ? – संपादक) मेरे इस वक्तव्य के कारण हिन्दू ग्रामसेवक को बुरा लगेगा, ऐसा मुझे अनुमान नहीं था । यदि उन्होंने बताया होता कि उन्हें बुरा लगा है तो मैंने वहीं क्षमा मांग ली होती । उनकी भावनाएं आहत करने का मेरा तनिक भी उद्देश्य नहीं था और मैंने उन्हें मांसाहार करने का आग्रह भी नहीं किया था । (अब्दुल राशिद की प्रामाणिकता ! हिन्दू सहिष्णु होने से उन्होंने वैध मार्ग से कार्रवाई करने का प्रयत्न किया । यदि इसके विपरीत होता एवं किसी हिन्दू ने इसप्रकार का वक्तव्य किया होता, तो क्या हो जाता, इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते ! – संपादक)
इस्लाम स्वीकारने के लिए दबाव
अब्दुल राशिद वहां के हिन्दू सहयोगी को मांसाहार करने के लिए दबाव निर्माण कर रहा था । उसने ऐसा भी कहा, ‘यदि तुम गोमांस खाओगे, तो पवित्र हो जाओगे ।’ इस सहयोगी ने आरोप किया है कि उसके मुसलमान सहयोगी उसे इस्लाम स्वीकारने के लिए भी दबाव निर्माण कर रहे थे । इसका विरोध करने पर नौकरी के स्थान पर कष्ट देने की धमकी भी उसने दी । (‘ऐसे सरकारी अधिकारी जिहादी आतंकवादियों की सहायता करते होंगे’, ऐसा किसी को लगे तो इसमें गलत क्या है ? ऐसों के कारण ही कश्मीर में जिहादी आतंकवाद समाप्त नहीं हो रहा है । इससे ध्यान में आता है कि जिहाद ही इसके पीछे का मुख्य कारण है ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं के धर्मग्रंथों में क्या कहा है, इसकी अपेक्षा इस अधिकारी को उसके धर्मग्रंथ में क्या कहा है और वे प्रत्यक्ष में कर क्या रहे हैं, इस विषय में बोलना चाहिए ! |