बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अभिनेता रणबीर कपूर और उनकी पत्नी आलिया को गोमांस खाने के कारण महाकालेश्वर मंदिर में जाने से रोका !
उज्जैन (मध्यप्रदेश) – यहां ६ सितंबर की रात्रि को अभिनेता रणबीर कपूर और उनकी पत्नी आलिया भट को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने से रोका । जैसे ही कार्यकर्ताओं ने उनकी गाडी का रास्ता रोका, वे मंदिर में दर्शन लिए बिना ही वापस चले गए । रणबीर कपूर के ‘मैं गोमांस खाता हूं’, ऐसा बोलने के पृष्ठभूमि पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोनों का रास्ता रोका था । बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम’ की घोषणा देते हुए काले झंडे दिखाए । इस प्रकरण में पुलिस ने धारा ३५३ के अंतर्गत परिवाद प्रविष्ट किया है । सरकारी कर्मचारियों के कार्य में बाधा निर्माण करने के प्रयत्न के आरोप में यह परिवाद प्रविष्ट किया गया है । रणबीर कपूर और आलिया भट अपने आनेवाली ‘ब्रह्मास्त्र’ चलचित्र (फिल्म) के प्रचार के लिए देश के विविध भागों में भ्रमण कर रहे हैं ।
Ujjain: Hindu organisations stop Alia Bhatt and Ranbir Kapoor from Darshan at Mahakaleshwar Temple, Police resort to lathi charge to disperse protestershttps://t.co/zz1WQfz3xm
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 7, 2022
१. ‘प्रशासन ने रणबीर कपूर और आलिया भट को महाकालेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर में आने का निमंत्रण दिया; परंतु दोनों का विरोध होने के कारण वे गाडी के नीचे नहीं उतरे और वापस चले गए’, ऐसा बताया जाता है । (गोमांस खाकर हिन्दुओं की धार्मिक भावना को आहत पहुंचाने वालों को मंदिर में दर्शन के लिए क्यों बुलाया ?, प्रशासन प्रथम इसका उत्तर दे ! – संपादक) ऐसा भी कहा जाता है कि इस समय पुलिस ने विरोध कर रहे हिन्दुत्वनिष्ठों को मार्ग से हटा दिया था’ ।
२. पुजारी आशिष पुजारी ने कहा कि चलचित्र (फिल्म) के निर्देशक आर्यन मुखर्जी ने मंदिर में जाकर दर्शन किए ।
रणबीर कपूर ने क्या कहा था ?
वर्ष २०११ में रणबीर कपूर ने ‘रॉकस्टार’ चलचित्र (फिल्म) की प्रसिद्धी के समय ‘मुझे गोमांस खाना पसंद है । मेरा परिवार पेशावर, पाकिस्तान से है । इसलिए उनके साथ पेशावरी खाद्यसंस्कृति भी यहां आई है । मैं मांस खाता हूं । मैं गोमांस का प्रशंसक हूं’, ऐसा कहा था । उस समय का यह वीडियो अब पुन: अत्यधिक मात्रा में प्रसारित हो रहा है । इससे रणबीर का विरोध किया जा रहा है ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दू अब जागृत होने के कारण वे इस प्रकार के वैध मार्ग से विरोध कर अपनी धार्मिक भावनाओं पर ध्यान देने के लिए बाध्य कर रहे हैं, यह प्रशंसनीय है ! |