सर्वोच्च न्यायालय ने संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा का स्तर देने की मांग से संबंधित जनहित याचिका अमान्य की !
संसद में इस पर चर्चा करने का सुझाव !
नई देहली – संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा का स्तर देने के संदर्भ में अधिवक्ताा के.जी. वंजारा द्वारा प्रविष्ट की जनहित याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दी ! ‘इस याचिका में उपस्थित सूत्रों पर चर्चा एवं विचार करने के लिए संसद योग्य स्थान है । न्यायालय में यह निर्णय लेना योग्य नहीं’, न्यायालय ने इस समय यह स्पष्ट किया । इस याचिका में ‘केंद्र सरकार संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा का स्तर दे, इस विषय में न्यायालय को निर्देश देना चाहिए’ ऐसी मांग की गई थी । ‘इस प्रकार के निर्देश से किसी भी प्रकार से संविधान की प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं होगा । साथ ही हिन्दी एवं अंग्रेजी जैसा संस्कृतभाषा को भी राष्ट्रभाषा का स्तर मिलेगा’, उसमें ऐसा विवेचन किया गया था ।
#SupremeCourt hearing PIL to declare Sanskrit national language
SC: You draft your prayer in Sanskrit. Why should we issue notice or declare, for publicity? We may share some of your views but the right forum to debate this is parliament. It needs amendment in Constitution.. pic.twitter.com/zn6NUIVHlC
— Bar & Bench – Live Threads (@lawbarandbench) September 2, 2022
न्यायालय ने सुनवाई के समय कहा, ‘न्यायालय इस विषय में सूचनापत्र क्यों जारी करे अथवा प्रसार के विषय में घोषणा क्यों करे ? इस संदर्भ में हम आपके विचार सुन सकते हैं, परंतु इस पर चर्चा एवं निर्णय लेने के लिए संसद ही योग्य स्थान है । ऐसा स्तर देने के लिए संविधान में सुधार करने की आवश्यकता है । इस विषय में संबंधित अधिकारी के समक्ष सूत्र उपस्थित करने की स्वतंत्रता है’ ।
संपादकीय भूमिकावास्तव में जनता को ऐसी मांग करने की आवश्यकता न पडे । केंद्र की भाजपा सरकार को इस विषय में चर्चा कर योग्य निर्णय लेना चाहिए, धर्माभिमानी हिन्दुओं की ऐसी इच्छा है ! |