सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़ितों के लिए लड़ने वाले एक निजी संगठन को केंद्र सरकार से न्याय प्राप्त करने का आवाहन करने की अनुमति दी !
कश्मीर में हिन्दुओं की सामूहिक हत्याएं एवं पलायन का प्रकरण !
नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय ने ‘वी द सिटीजन’ नामक एक निजी संगठन को केंद्र सरकार के पास याचिका प्रविष्ट करने की अनुमति दी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में १९९० में हिन्दुओं और सिखों की सामूहिक हत्याओं की जांच करने की मांग की गई है।माननीय न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता को प्रकरण को हमारे समक्ष प्रस्तुत न कर संबंधित यंत्रणा अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।
The #SupremeCourt on Friday declined to entertain a plea seeking an SIT probe into the targeted killings of #KashmiriPandits which led to their exodus from the valley https://t.co/0L6MBUJvP4
— National Herald (@NH_India) September 2, 2022
१. याचिका में सरकार को उन पीड़ितों की जनगणना करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी जो देश के विभिन्न भागों में उत्पीड़न के कारण, राज्य से भाग कर रहने के लिए बाध्य हुए थे।
२. याचिका में कहा गया है कि कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या से संबंधित सैकड़ों प्रकरण प्रविष्ट करने के ३० वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत भी, उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है। घाटी के भयावह वातावरण में, ऎसा प्रतीत होता था कि अपराधियों, आतंकवादियों और देशद्रोहियों को घाटी में कानून-व्यवस्था को बाधित करने की खुली छूट दे दी थी, इस के कारण हिन्दू परिवारों ने कश्मीर से प्राण रक्षा हेतु पलायन किया । ये विस्थापित परिवार अभी भी देश के अन्य क्षेत्रों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। इस प्रकार उनके मौलिक अधिकारों का दिन-प्रतिदिन हनन किया जा रहा है, क्योंकि कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में वे अपने घरों को नहीं लौट सकते । जम्मू-कश्मीर सरकार ने कभी, कश्मीरी हिन्दुओं के विरुद्ध हुए षड्यंत्र की जांच नहीं की।