कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस से त्यागपत्र !
आरोप है कि राहुल गांधी के पार्टी उपाध्यक्ष बनने से कांग्रेस नष्ट हो गई
नई देहली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस दल के सभी पदों और सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है । उन्होंने अपना त्यागपत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है । उस के साथ उन्होंने ५ पृष्ट का पत्र भी लिखा है । उसमें उन्होंने पार्टी नेता राहुल गांधी की आलोचना की है । उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने दल का उपाध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को नष्ट कर दिया गया है ।
‘Non-serious Rahul Gandhi destroyed party, his PAs and guards taking decisions’: Ghulam Nabi Azad quits Congress, here is the full text of his scathing letterhttps://t.co/xLq0eHfpXA
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 26, 2022
१. गुलाम नबी आजाद ने इस पत्र में लिखा है, कि राहुल गांधी के राजनीति में आने के उपरांत उन्होंने दल के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की उपेक्षा कर अनदेखा कर दिया गया। अनुभवहीन, भ्रमिष्ट लोगों का एक नया समूह दल में उभरा । उसके उपरांत वे ही दल का संचालन करने लगे ।
२. राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश करने के उपरांत और विशेष रूप से जनवरी २०१३ में जब उन्हें उपाध्यक्ष का उत्तरदायित्व सौंपा गया उसके के उपरांत दुर्भाग्य से दल में पहले से कार्यरत परामर्श प्रणाली पूरी तरह से नष्ट हो गई ।
३. राहुल गांधी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के उस अध्यादेश को सामाजिक माध्यमों के समक्ष फाड़ डाला, जिसमें दोषी विधायकों और सांसदों की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान था, यह उनकी अपरिपक्वता का उदाहरण था।
४. राहुल गांधी के इस बचकाना व्यवहार के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की सभी शक्तियों को दुत्कार दिया । उनकी इस कृति ने २०१४ में कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की पराजय में प्रमुख भूमिका निभाई ।
५. वर्ष २०१४ में आपके (सोनिया गांधी) और विशेषकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को दो लोकसभा चुनावों में लज्जास्पद पराजय का सामना करना पड़ा था । दल २०१४ और २०२२ के बीच हुए ४९ विधानसभा चुनावों में से ३९ में पराजित हुआ । दल ने केवल ४ विधानसभा चुनावों मे विजय प्राप्त की एवं ६ स्थानों पर कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ गठबंधन किया । दुर्भाग्य से आज कांग्रेस केवल २ राज्यों में सत्ता में है और अन्य २ राज्यों में कांग्रेस पार्टी गठबंधन में अति नगण्य भागीदार है ।