राष्ट्र के विकास का मूल्यांकन कैसा हो ?
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘नागरिकों की आध्यात्मिक उन्नति से राष्ट्र के विकास का मूल्यांकन किया जाना चाहिए; क्योंकि भौतिक विकास कितना भी हो जाए, यदि आत्मिक (अथवा नैतिक) विकास न हो, तो उस भौतिक विकास का क्या अर्थ है ?’ –
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले