स्वास्थ्य के साथ खिलवाड करनेवाले धर्मांधों के विकृत दुष्कृत्य !
मुसलमान जो कुछ वस्तुएं, खाद्यपदार्थ अथवा उत्पाद बेचते हैं, उन्हें वे थूक लगाते हैं, ऐसा ध्यान में आया है । काफिरों को तुच्छ समझने का ही यह काम है न ? एक यवन ने संतश्रेष्ठ जगद्गुरु तुकाराम महाराज पर १०८ बार थूका; इसलिए उन्होंने उतनी ही बार स्नान किया, यह घटना प्रसिद्ध है । आज के यवनों ने भी कोरोनाकाल में थूककर कोरोना फैलाने का दुष्कृत्य जारी रखा था !
फलों को थूक लगाकर फल बेचनेवाले धर्मांध फलबिक्रेता !
‘बिना थूके कोई वस्तु हलाल (पवित्र) नहीं बनती !’
धार्मिक क्षेत्र के कुछ मुसलमानों द्वारा ‘कोई विशिष्ट वस्तु बिना थूके ‘हलाल’ नहीं बनती’, ऐसा बताए जाने के वीडियो प्रसारित हुए हैं । मौलाना अलीमुद्दीन असादी ने एक हिन्दी समाचार वाहिनी से बात करते हुए स्पष्टता से बताया, ‘खाने में थूकना धार्मिक श्रद्धा का भाग है ।’
नागोठणे (जिला रायगढ) में केक को थूक लगाते हुए उपसरपंच ने धर्मांध को रंगे हाथ पकडा !
रायगढ जिले के नागोठणे की आजाद बेकरी में अबीद अन्सारी जब केक और उसके द्रोण के कागद को थूक लगा रहा था, तब वहां के उपसरपंच मोहन नागोठणेकर ने उसे रंगे हाथ पकडा और इस विषय में अन्यों को भी बताया, साथ ही उससे उसका स्पष्टीकरण पूछा । उन्होंने इस धर्मांध के विरुद्ध स्थानीय पुलिस थाने में परिवाद पंजीकृत किया, साथ ही इस विषय में स्थानीय समाचार वाहिनी पर विस्तार से समाचार दिया । (मार्च २०२२)
थूक लगाकर रोटी बनानेवाला धर्मांध !
‘हिन्दू युवा वाहिनी’ संगठन के पदाधिकारी पुष्कर त्यागी ने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में थूक लगाकर रोटी बनानेवाले एक धर्मांध के विरुद्ध परिवाद पंजीकृत कर उसे बंदी बनाने के लिए बाध्य किया । यह घटना अक्टूबर २०२१ की है ।
बहुसंख्यक लोगों में अन्न का वितरण करने से पूर्व उसमें थूकनेवाला वृद्ध मुसलमान व्यक्ति !
प्रसारमाध्यमों में बहुसंख्यक लोगों में अन्न का वितरण करने के लिए बडे स्तर पर पकाए गए भोजन का अवलोकन करते समय उसमें थूकनेवाले वृद्ध मुसलमान व्यक्ति का वीडियो भी प्रसारित हुआ ।
संकलनकर्त्री : श्रीमती रूपाली वर्तक, सनातन आश्रम, देवद, पनवेल.