पंढरपुर के विट्ठल मंदिर का सरकारीकरण रहित करने के लिए उच्चतम न्यायालय प्रविष्ट होगी याचिका! – डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, भाजपा
मुंबई – पंढरपुर में हिन्दू श्रद्धालुओं को प्रताड़ित किया जाता है । सरकार ने हिन्दू मंदिरों पर नियंत्रण कर लिया है । मैं स्वयं पंढरपुर जाऊंगा और इन मंदिरों को सरकार के चंगुल से मुक्त कराने के लिए लोगों से मिलूंगा । भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा । मुंबई में इस्कॉन मंदिर में वारकरी पाइक संघ के अध्यक्ष विट्ठल महाराज चौरे, देवव्रत राणा महाराज वास्कर, हरि भक्त परायण रामकृष्ण वीर महाराज और माऊली संघ के अध्यक्ष गोसावी महाराज ने डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी से भेंट की, उस समय उन्होंने यह प्रतिपादन किया ।
विठ्ठल मंदिर शासनाच्या ताब्यातून काढणार, डॉ सुब्रमण्यम स्वामींची सुप्रीम कोर्टात धाव https://t.co/JMGzK4X93E
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 11, 2022
अपने वक्तव्य में देवव्रत राणा महाराज वास्कर ने कहा, “हमने डॉ.सुब्रह्मण्यम स्वामी को पंढरपुर आने के लिए आमंत्रित किया है और उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है ।” श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर का वार्षिक उत्पन्न लगभग ३५ करोड़ रुपये है और एक वर्ष में डेढ़ करोड़ श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन के लिए आते हैं । वर्तमान में देवस्थान समिति के अध्यक्ष का पद रिक्त है तथा सह अध्यक्ष पद पर हरि भक्त परायण गहिनीनाथ ज्ञानेश्वर महाराज (औसेकर) पदासीन हैं ।
संपादकीय भूमिकामंदिर सरकारीकरण के कारण मंदिर व्यवस्थापन के कुप्रबंधन की असंख्य घटनाएं हुई हैं । मंदिर के अर्पण व दानस्वरूप मिलने वाले धन का सदुपयोग हिन्दू धार्मिक कार्यों के लिए किया जाना चाहिए, अत: मंदिर शीघ्रातिशीघ्र भक्तों के नियंत्रण में दिया जाए ऎसी हिन्दुऒ की अपेक्षा है । |