छत्तीसगढ में ईसाई मिशनरियों के विरोध में गांववालों का आंदोलन !
गरियाबंद (छत्तीसगढ) – यहां के राजिम क्षेत्र के कौंदकेरा गांव के ईसाई मिशनरियों की ओर से होने वाले हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन के विरोध में सैकडों गांववालों ने रास्ते पर उतरकर प्रदर्शन किए । ‘यदि धर्मपरिवर्तन नहीं रुका, तो बडा आंदोलन किया जाएगा’, ऐसी चेतावनी उन्होंने दी है । साथ ही ‘जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है, ऐसे व्यक्तियों के हाथ में नारियल देकर उन्हें पुन: हिन्दू धर्म में लिया जाएगा’, ऐसी घोषणा भी उन्होंने की । गांववालों के विरोध के उपरांत उपजिलाधिकारी और पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और उन्होंने गांववालों को शांत किया ।
‘धर्मांतरण हमारी संस्कृति पर खतरा’: छत्तीसगढ़ में ईसाई मिशनरियों के खिलाफ सड़क पर उतरे सैकड़ों ग्रामीण, उग्र आंदोलन की चेतावनी#Chhattisgarh https://t.co/ZQMlGe2xem
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) August 8, 2022
इस गांव में प्रत्येक रविवार को ईसाइयों द्वारा एक गांववाले के घर में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है । वहीं जाकर गांववालों ने विरोध चालू किया । गांववालों का आरोप है कि, प्रार्थना के लिए गांव के बाहर से कुछ लोग आते हैं । वे हमें ईसाई होने के लिए विविध प्रकार के लालच दिखाते हैं । उसका परिणाम ऐसा हुआ है कि, एक ही परिवार के कुछ बच्चे हिन्दू तथा कुछ ईसाई ऐसे दो समूह हो गए हैं । केवल हमारे ही नहीं, तो अन्य गांवों में भी धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है ।
जशपुर के गांव में भी धर्मपरिवर्तन का प्रयास; पुलिस द्वारा हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया
जशपुर के साजबहार गांव में भी धर्मपरिवर्तन की घटना होने के विषय में बताया जा रहा है । वहां के सरपंच सोनम लकडा के घर पर भी सभा का आयोजन किया गया था । इस सभा के नाम पर हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन किया जाने वाला था । इस सभा की जानकारी मिलते ही हिन्दू नेता विजय सिंह जूदेव सरपंच सोनम लकडा के घर पहुंचे और सभा का विरोध किया । वहां सभा के लिए ४ हिन्दू उपस्थित थे । हिन्दू संगठन ने सरपंच सोनम लकडा को पद से हटाने की मांग की है । इस घटना के उपरांत पुलिस ने प्रार्थना सभा को विरोध करने के प्रकरण में हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया और ‘वहां धर्मपरिवर्तन का प्रयास नहीं हुआ’, ऐसा बताया । (कांग्रेस सरकार की कठपुतली बनी हुई छत्तीसगढ पुलिस ! – संपादक)
संपादकीय भूमिका
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