हास्यास्पद साम्यवाद !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अध्यात्म के ‘प्रारब्ध’ शब्द की तथा ईश्वर की पूर्ण अवहेलना करने के कारण साम्यवाद १०० वर्षों में ही समाप्त होने को है !’ –
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले
‘अध्यात्म के ‘प्रारब्ध’ शब्द की तथा ईश्वर की पूर्ण अवहेलना करने के कारण साम्यवाद १०० वर्षों में ही समाप्त होने को है !’ –
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले