अल-कायदा का सरगना अल-जवाहिरी मारा गया !

अमेरिका ने काबुल में घुसकर ड्रोन से दागे क्षेपणास्त्र !

ओसामा बिन लादेन (बाईं ओर ) अल्-जवाहिरी (दाईं ओर)

काबुल (अफगानिस्तान) – जिहादी आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना अल-जवाहिरी को यहां शेरपुर परिसर में अमेरिकी ड्रोन से दागे गए २ क्षेपणास्त्रों से मार गिराया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वयं इस घटना की जानकारी दी कि यह कार्रवाई ३१ जुलाई के अपरान्ह को की गई है। २ हेलफायर आर९एक्स क्षेपणास्त्रों को जवाहिरी पर दागा गया, जब वह अपने आवास की छज्जा में खडा था । यह एक विशेष प्रकार क्षेपणास्त्र है, जिसमें विस्फोट नहीं होता बल्कि एक चाकू की तरह ब्लेड बाहर निकलते हैं, जो लक्ष्य को भेदते हैं तथा अन्य किसी को क्षति नहीं पहुंचती । तालिबान अमेरिका की इस कृति से कुपित है और उसने इसे ‘दोहा समझौते’ का उल्लंघन बताया है ।

१. २०११ में अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के उपरांत जवाहिरी ´अल कायदा´ का प्रमुख बन गया था । अब कहा जा रहा है कि जवाहिरी के मारे जाने से अल-अदेल ´अलकायदा´ का प्रमुख बन सकता है ।

२. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इस सामरिक कृति का परिचालन सी.आई.ए. के एक विशेष दल ने किया व पूर्णत्व तक पहुंचाया । अगस्त २०२१ में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के सत्ता में आने के उपरांत से जवाहिरी काबुल में रह रहा था ।

३. अल-जवाहिरी के मारे जाने के उपरांत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्र को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि हमने जवाहिरी को ढूंढ कर मार डाला । हम अफगानिस्तान में आतंकवाद पर आक्रमण करते ही रहेंगे ।

अल-जवाहिरी को कैसे मारा गया ?

३१ जुलाई की अपरान्ह को अल-जवाहिरी छज्जा में आया । अमेरिकी गुप्तचर संस्था ने निरीक्षण किया था कि ”वह वहां प्रतिदिन आता है और कुछ देर रुकता है ।” जब अल जवाहिरी छज्जा में खड़ा था, तभी एक ड्रोन द्वारा २ हेलफायर क्षेपणास्त्र दागे गए। जवाहिरी का परिवार भी घर में था, किन्तु उन्हें कोई हानि नहीं हुई । विशेष बात यह है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी उपस्थिति समाप्त करने पर भी काबुल में प्रवेश किया और यह कार्रवाई की । पहले शेरपुर क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य अड्डा था । इस मुहीम संचालन के समय कोई अमेरिकी सैनिक उपस्थित नहीं था ।

अल जवाहिरी पर ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ पर आक्रमण करने का आरोप

११ सितंबर २००१ में संयुक्त राज्य अमेरिका ने न्यूयॉर्क नगर स्थित ´वर्ल्ड ट्रेड सेंटर´ पर आक्रमण के संबंध में ओसामा बिन लादेन, अल-जवाहिरी और सभी अल-कायदा आतंकवादियों को आरोपी बनाया था । अमेरिका पहले भी कई बार जवाहिरी को मारने के प्रयत्न कर चुका था । २००१ में जवाहिरी के अफगानिस्तान के तोरा बोरा क्षेत्र में छिपे होने की सूचना मिली थी, किन्तु आक्रमण से पहले ही वह भाग निकला । उस आक्रमण में उसकी पत्नी और बच्चों की मृत्यु हो गई थी । वर्ष २००६ में अमेरिकी गुप्तचर संस्था ने जवाहिरी को मारने के लिए पुन: जाल बिछाया । उस समय उसके पाकिस्तान के दमडोला में छिपे होने की सूचना मिली थी, किन्तु जवाहिरी क्षेपणास्त्र आक्रमण से पहले ही भाग निकला ।

भारत को हिजाब प्रकरण में दी गई थी धमकी !

अल-जवाहिरी ने इस वर्ष अप्रैल में ९ मिनट के चित्रफीत (विडियो) प्रसारित किया था। इसमें उसने कहा कि हॉलैंड, फ्रांस और मिस्र इस्लाम विरोधी देश हैं । इसके साथ ही भारत में हिजाब विवाद के ऊपर भी उसने वक्तव्य दिया था । जवाहिरी ने कर्नाटक में एक मुस्लिम छात्रा की हिजाब के समर्थन में अकेले लड़ने के लिए प्रशंसा की थी और भारत को धमकी दी थी ।

अल कायदा ने जून में एक चित्रफीत प्रसारित कर भारत पर आक्रमण करने की धमकी दी थी !

अलकायदा ने ७ जून को एक चित्रफीत (विडियो) प्रकाशित किया था और नूपुर शर्मा प्रकरण के संबंध में भारत को धमकी दी थी । अल कायदा ने हिन्दुओं पर बम विस्फोट कर हत्या करके पैगंबर मुहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने की धमकी दी थी । भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश, देहली और गुजरात के साथ ही मुंबई पर आक्रमण करने की भी धमकी दी गई थी ।

संपादकीय भूमिका

‘अमेरिका निरंतर दूसरे देशों में घुसकर अपने शत्रुऒ के विरुद्ध इस प्रकार की कार्रवाई करता है, भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता ? प्रत्येक भारतीय के मन में यह प्रश्न उठता है !