कोई भी उदारवादी मत का देश भारत के समान उदार नहीं बन सकता ! – तस्लीमा नसरीन, बांग्लादेशी लेखिका
नई देहली – ‘मैं भारत से प्रेम करती हूं; क्योंकि यहां एक मुसलमान, सिक्ख, दलित महिला, नास्तिक अथवा एक आदिवासी भी देश का राष्ट्रपति अथवा सरकारी पदाधिकारी बन सकता है । मूल रूप से बांग्लादेश की एक प्रसिद्ध लेखिका और वर्तमान में भारत में शरण लेनेवाली तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट किया है, ‘कोई भी सभ्य अथवा उदार देश भारत की बराबरी नहीं कर सकता ।’
संपादकीय भूमिकाभारत को असहिष्णु, धर्मांध, कट्टरपंथी संबोधित करके उसे तुच्छ समझनेवालों को अब क्या कहना है ? |