अंतर्ज्ञानी भारतीय ऋषि !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘पाश्चात्त्यों को शोध करने के लिए यंत्रों की आवश्यकता होती है ।ऋषियों और संतों को उनकी आवश्यकता नहीं होती । उन्हें यंत्रों से अनेक गुना अधिक जानकारी प्राप्त होती है ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले