कैनडा में सिक्ख नेता की गोली मारकर हत्या
आक्रमणकारियों ने अपना चौपहिया वाहन भी जलाया !
ओटावा (कैनडा) – वर्ष १९८५ के ‘कनिष्क’ इस एअर इंडिया के विमान में बमविस्फोट करने के प्रकरण से निर्दोष मुक्त हुए आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक नामक सिक्ख नेता की १४ जुलाई की रात कैनडा के वैंकुवर में गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई । इसके पीछे का कारण अब तक समझ में नहीं आया है । आक्रमणकारी चौपहिया वाहन से आए थे । हत्या के उपरांत प्रमाण (सबूत) नष्ट करने के लिए उन्होंने अपना वाहन भी जला डाला । रिपुदमन ‘खालसा क्रेडिट यूनियन’ के साथ ही कैनडा की सतनाम एज्युकेशन सोसाइटी’के अध्यक्ष भी थे एवं खालसा विद्यालय चलाते थे ।
१. रिपुदमन पहले खलिस्तान आंदोलन के समर्थक थे; परंतु फिर उनकी विचारधारा बदल गई । अंतिम समय तक वे सिक्ख समाज के लोगों को अलगाववादी नेताओं से दूर रहने के लिए कहते थे । इस वर्ष जनवरी में उन्होंने प्रधान मोदी की प्रशंसा की थी । सिक्ख समुदाय के लिए उठाए कदमों के लिए रिपुदमन ने मोदी सरकार का आभार माना था । ऐसा दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार की प्रशंसा करने के कारण मलिक की हत्या की गई है ।
२. रिपुदमन ने गुरुग्रंथ साहब की छपाई की थी । इसलिए कैनडा के सिक्खों ने उनका विरोध किया था । यह प्रकरण अकाल तख्त साहब के पास पहुंचने पर रिपुदमन ने छपाई बंद की एवं सर्व प्रतियां शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप दी । गुरुग्रंथ साहब की छपाई कोई अपनेआप नहीं कर सकता । इसकी छपाई केवल अमृतसर एवं देहली में ही होती है । इस प्रकरण से भी उनकी हत्या की जाने का संशय व्यक्त किया जा रहा है ।