वर्ष २०४७ तक भारत को ‘इस्लामी राष्ट्र’ बनाने का षड्यंत्र उजागर !
|
पाटलीपुत्र (बिहार) – ‘मार्शल आर्ट’ कराटे का प्रशिक्षण देने के नाम पर विविध राज्यों के मुसलमान युवकों को पिस्तौल, तलवार एवं चाकू चलाने का प्रशिक्षण देनेवाले दो धर्मांध मुसलमानों को बिहार पुलिस ने बंदी बनाया है । इनके नाम हैं मुहम्मद जलालुद्दीन एवं अथर परवेज ! उनसे अनेक आक्षेपार्ह कागदपत्र जप्त किए गए हैं । पाटलीपुत्र के सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने पत्रकार परिषद में जानकारी दी है कि उनका वर्ष २०४७ तक भारत को ‘इस्लामी राष्ट्र्र’ बनाने का षड्यंत्र था ।
मनीष कुमार आगे बोले,
१. गुप्तचर संस्थाओं द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पाटलीपुत्र पुलिस ने फुलवारी शरीफ के नया टोला के ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’के (पी.एफ्.आइ.) कार्यालय पर छापा डालने पर यह धक्कादायक घटना उजागर हुई । इसी कार्यालय में शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है ।
२. मुहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस दल का निवृत्त अधिकारी है एवं अथर परवेज, यह बंदी डाली गई ‘सिमी’ इस कट्टर जिहादी आतंकवादी संगठन का सदस्य है । इस संगठन पर बंदी डालने पर वह पी.एफ.आइ. जिहादी विचारधारा के संगठन में सम्मिलित हुआ । इसके साथ ही वह ‘सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एस.डी.पी.आइ.) नामक संगठन के लिए भी काम कर रहा था । वर्ष २००१ में ‘सिमी’पर बंदी डालने के उपरांत परवेज का छोटा भाई बिहार के एका बमविस्फोट के प्रकरण में कारागृह गया था ।
सौजन्य : TIMES NOW
३. गत दो माह से आरोपियों के पास अन्य राज्यों के लोग आ रहे थे । ये लोग फर्जी नामों से टिकट आरक्षित करते अथवा होटल में रुकते थे ।
४. बंदी बनाए गए दोनों आतंकवादियों को पाकिस्तान एवं बांगलादेश से हवाला द्वारा पैसों की आपूर्ति की जा रही थी । इसके साथ ही भारत के केरल, बंगाल एवं उत्तरप्रदेश, इन राज्यों से भी दोनों को पैसे भेजे जा रहे थे ।
५. दोनों आतंकवादियों ने फुलवारी शरीफ के नया टोला के अहमद पैलेस को प्रशिक्षण केंद्र बना था । वे यहां ‘शस्त्रों का उपयोग कैसे करना है ?’ यह सिखाने के साथ ही ‘भारत के मुसलमानों की तथाकथित दुर्दशा’, ‘मोदी सरकार द्वारा होनेवाले तथाकथित अत्याचार’ आदि की मनगढंत बातें बताकर युवकों का बुद्धिभेदन (brain wash) कर रहे थे । बंदी बनाए गए दोनों आतंकवादियों से ८ पृष्ठों का ‘विजन पेपर’ मिला है जिसमें लिखा है कि ‘पी.एफ.आई. को इस बात की पूर्ण निश्चिती है कि यदि केवल १० प्रतिशत मुसलमान भी पी.एफ.आइ. के साथ हो लिए, तो उस कायर बहुसंख्य समुदाय को घुटने टेकने पर बाध्य करेंगे एवं मुसलमानों को पुनर्वैभव प्राप्त होगा । आतंकवादियों ने इस ‘पेपर’को ‘इंडिया विजन २०४७’ नाम दिया है । वर्ष २०४७ तक भारत को ‘इस्लामी राष्ट्र’ बनाने के उद्देश्य से वे काम कर रहे थे ।
On July 6-7, in name of martial arts, locals were taught to use swords & knives. They instigated others toward religious violence. We have CCTV footage as well as witness accounts. Parvez also raised funds in lakhs, ED is being involved for the same: Bihar SSP Manish Kumar pic.twitter.com/D9o6YKFgMn
— ANI (@ANI) July 13, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आतंकवादी आक्रमण हेतु रचा था षड्यंत्र !पुलिस की जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आतंकवादी आक्रमण करने का षड्यंत्र जलालुद्दीन एवं अथर परवेज ने रचा था । प्रधानमंत्री मोदी के १२ जुलाई २०२२ को बिहार में दौरा है । तब उन्हें लक्ष्य बनाने के षड्यंत्र का भी समावेश था । उन्होंने ६ एवं ७ जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी पर आक्रमण करने के षड्यंत्र रचने के लिए बैठक ली । इसकी जानकारी गुप्तचर विभाग को मिलने के उपरांत पुलिस ने ११ जुलाई को फुलवारी शरिफ पर छापा मारा । |
संपादकीय भूमिका
|