समाजविघातक प्रवृत्तियों के घर पर ही नहीं; अपितु जिहादी विचारधारा पर भी बुलडोजर चलाना पडेगा – विनोद बंसल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विहिंप
उदयपुर (राजस्थान) के कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के संदर्भ में ‘भारत में बढ रही तालिबानी मानसिकता !’ विषय पर ‘ऑनलाइन विशेष संवाद’
मुंबई (महाराष्ट्र) – विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. विनोद बंसल ने चेतावनी दी है कि ‘राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नामक हिन्दू युवक की जिहादियों ने निर्मम हत्या कर दी । यह कोई सामान्य घटना नहीं है, अपितु इस देश के सार्वभौमत्व के साथ ही यहां के सभ्य समाज, संविधान एवं लोकतंत्र पर किया गया आक्रमण ही है । इस हत्या के पीछे केवल दो मुसलमान नहीं हैं, अपितु उनके ‘ब्रेन वॉश’ (बुद्धि भेद) करनेवाले मदरसे, मौलवी और कट्टरपंथी इस्लामी संगठन उत्तरदायी हैं । हिन्दुओं की हत्या करनेवाले ऐसे समाजविघातक प्रवृत्तियों के केवल घर पर ही नहीं, अपितु जिहादी विचारधारा पर ही ‘बुलडोजर’ चलाना पडेगा । यदि सरकार, प्रशासन और पुलिसतंत्र, जिहादियों को नियंत्रित नहीं करते, तो हिन्दू समाज को दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए संगठित होना पडेगा ।’ हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘भारत में बढ रही तालिबानी मानसिकता !’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।
भारत को जिहादियों से मुक्त करने के लिए केंद्र ने सेना को छूट देनी चाहिए – ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लश्कर-ए-हिन्द
सोशल मीडिया द्वारा (सामाजिक माध्यमों से) नूपुर शर्मा के समर्थन में ‘पोस्ट’ प्रसारित होने के उपरांत कन्हैयालाल को ध्यान में आया कि उनके प्राण संकट में हैं । तब उन्होंने उदयपुर पुलिस थाने में याचिका प्रविष्ट की; परंतु राजनीतिक हेतु से प्रेरित राजस्थान पुलिसकर्मियों ने इस ओर अनदेखी की । यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती, तो कन्हैयालाल की हत्या टल जाती । जिहादी मानसिकता संजोनेवाले आतंकवादी केवल हिन्दुओं की ही नहीं; अपितु ईसाई, पारसी, यहूदियों के साथ जो कोई ‘इस्लाम’ को नहीं मानते, उन सभी की हत्या करते हैं । कट्टरपंथी मानसिकता को समाप्त करने के लिए एवं भारत को आतंकवादियों से मुक्त कराने के लिए केंद्र सरकार को पुलिस और सेना को छूट देनी होगी ।
आतंकवाद का प्रशिक्षण देनेवाले मदरसों को बंद किया जाए ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
उदयपुर में कन्हैयालाल की दुकान में ग्राहक बनकर छुपकर मुसलमानों ने उनकी हत्या कर दी । कमलेश तिवारी की भी इसी प्रकार हत्या की गई थी । यह वीरता नहीं, अपितु नपुंसकता है । हिन्दू समाज ऐसा नहीं है । उलटा वह संविधान के रूप में स्वयं का पक्ष प्रस्तुत करता है । जरासा भी संयम रखे बिना छुरी लेकर हत्या करना, यह कौनसा धर्म है ? केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ ने कहा है, ‘मदरसों की मानसिकता से आतंकवाद का आरंभ होता है ।’ चीन में मदरसों में क्या शिक्षा देनी चाहिए, यह नियंत्रित किया जाता है । उसी प्रकार भारत सरकार को भी करना चाहिए । सरकार मदरसों को निधि देना बंद करे और आतंकवादी प्रशिक्षण देनेवाले मदरसों को बंद करे । ‘एनआइए’ (राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र) ने केवल हिन्दुओं की हत्या के अपराधियों की जांच करने के स्थान पर हत्या करनेवालों को धन की आपूर्ति करनेवाले, उन्हें आश्रय एवं प्रशिक्षण देनेवालों की भी छानबीन करनी चाहिए ।