‘हैम्लेट, गलिव्हर्स टैवल्स व पर्स्युएशन’ उपन्यास पढने से विद्यार्थीयों में आते है आत्महत्या के विचार !
ब्रिटेन के मुक्त विद्यापीठ के एक समिती का निरिक्षण
वॉशिग्टन (अमेरिका) – विल्यम शेक्सपिअर की ‘हैम्लेट, जोनाथन स्विफ्टकी ‘गलिव्हर्स टैवल्स’ व जेन ऑस्टेन की ‘पर्स्युएशन’ इन उपन्यासों का पठन करने से विद्यार्थियों में उदासिनता, आत्महत्या के विचार, वंशवाद और हिंसात्मक प्रवृत्ति का निर्माण होता है, ऐसा दावा ब्रिटेन के मुक्त विद्यापीठ के एक समिती ने अध्ययन करने पर किया ।
इन तीनों उपन्यासों के ३० प्रकरणों में प्रचंड नकारात्मक विचारों के उदाहरणों का समावेश है । उसका विपरीत परिणाम छात्रों के विचारों पर पड सकता है । इस विश्वविद्यालय में पदवी और पदव्युत्तर शिक्षणक्रम में भारी संख्या में विद्यार्थी पढते है । समिति के अध्ययन पर इन तीनों उपन्यासों के प्रथम पृष्ठ पर इस विषय की चेतावनी प्रकाशित की है । शीघ्र ही इन तीनों उपन्यासों पर बंदी भी आ सकती है । विद्यार्थियों ने ही इस सन्दर्भ में परीवाद किए थे, ऐसा समिति ने स्पष्ट किया ।
१. शेक्सपिअर की और एक उपन्यास ‘ज्युलियस सीझर’, ‘अरेबियन नाइट्स’ और फ्रेंच उपन्यासकार मॉरेल की उपन्यास के प्रथम पृष्ठ पर इसी प्रकार की सुचना प्रकाशित की गई है । जेन ऑस्टेन की उपन्यास ‘प्राइड- प्रिज्युडाईस’ को मात्र बंदी की श्रेणी में समाविष्ट नहीं किया गया है । ‘इस उपन्यास का विद्यार्थियों पर नकारात्मक परिणाम नहीं होगा’, ऐसा माना जाता है ।
बंदी लाने का निर्णय मूर्खतापूर्ण ! – कुछ नागरिकों का मत
‘यह निर्णय केवल मूर्खता है । बंदी के कारण विश्व के सर्वोत्कृष्ट साहित्यों के खजिने से विद्यार्थी वंचित रहेंगे । इसका परिणाम विद्यापीठ के विद्यार्थियों पर हो सकता है’, ऐसा विचार कुछ नागरिकों ने व्यक्त किया है ।
संपादकीय भूमिका
गत अनेक दशकों से महत्त्व मिले ऐसे साहित्यों का वास्तविक स्वरूप अब सामने आया, ये भी क्या कम है !