भारत का अपप्रचार करने के लिए यूरोप में पाकिस्तान द्वारा व्यापकस्तर पर प्रयास !
‘कश्मीर के मित्र’ और ‘यासीन मलिक डिफेंस कमेटी’ के नाम से भारत विरोधी अभियान !
इस्लामाबाद – भारत के विरुद्ध ‘हाइब्रिड वॉर’ लड़ रहा पाकिस्तान निरंतर ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में भारत के संबंध में दुष्प्रचार करने का प्रयत्न कर रहा है। ग्रीक सामाजिक माध्यम ´डायरेक्ट्स´ ने पाकिस्तानी षड्यंत्र उजागर किया है। (जो जानकारी ग्रीस जैसे देश को प्राप्त होती है वह भारत को क्यों नहीं मिलती ) उसके अनुसार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के तथाकथित राष्ट्रपति सुल्तान महमूद ने भारत के विरोध में ‘फ्रेंड्स ऑफ कश्मीर’ और ‘यासीन मलिक डिफेंस कमेटी’ के नाम से दो अभियान चलाए हैं।
´डायरेक्ट्स´ दी गयी जानकारी के अनुसार ,
१. महमूद ने भारत के विरोध में एक तंत्र स्थापित करने के लिए ३१ अगस्त २०२२ की समय सीमा तय की है। इस उद्देश्य के लिए ब्रिटेन में मस्जिदों और दूतावासों के साथ-साथ प्रमुख यूरोपीय नगरों और क्षेत्रों का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए पाकिस्तान में चरमपंथियों के साथ-साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के विदेशों में रहने वाले लोगों की भी सहायता ली जाएगी।
२. इन मस्जिदों के पीछे सदा पाकिस्तानी दूतावास खडा रहता है। मस्जिदों में इमाम (जो मस्जिदों में नमाज अदा करवाते हैं) पाकिस्तान से आए प्रवासियों को आजीविका दिलाने में सहायता करते हैं और इसके माध्यम से उन्हें भारत विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित करते हैं। यूरोप के लोग पाकिस्तान द्वारा प्रचारित दुष्प्रचार को सहज स्वीकार कर लेते हैं।
३. पाकिस्तान बहुधा इन मस्जिदों, पाकिस्तान के प्रवासियों और राजनीतिक दलों की सहायता से लंदन में भारतीय उच्चायुक्त कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करता है।
यूरोपीय चुनावों में पाकिस्तान के मुसलमानों की अहम भूमिका !ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों के संसदीय चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं का अत्याधिक महत्व है। इनमें से अनेक मुसलमान पाकिस्तान छोडकर यूरोप निवासी हो गए हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुसलमानों की संख्या भी बहुत अधिक है। ब्रिटेन के लीड्स क्षेत्र में मुसलमान मतदाता ५.४३ प्रतिशत और नॉटिंघम में ८.८ प्रतिशत हैं। कुछ अन्य क्षेत्रों में यह आंकड़ा ८ से २४ प्रतिशत तक है। |
संपादकीय भूमिकारणनीतिक दांव-पेंच में पाक भारत से ज्यादा चतुर ! अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मानहानि करने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए ! |